India News (इंडिया न्यूज), Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल, 2025) को आतंकी हमले में अब तक 28 लोगों के मारे जाने की खबर है। इस बीच फरिश्ता बनकर आए एक शख्स ने किस तरह 11 लोगों की जान बचाई, ये खबर खूब तेजी से वायरल हो रही हिअ। दरअसल, कश्मीर के कपड़ा कारोबारी नजाकत अली जोकि छत्तीसगढ़ की चिरमिरी में ठंडी के मौसम में गर्म कपड़े बेचने जाते हैं। जहां एक परिवार से उनकी दोस्ती हो गयी थी। वही परिवार जम्मू कश्मीर घूमने आया था और इनके साथ नजाकत अली भी था। जिसने अपनी सूझबूझ से 11 लोगों की जान बचाई।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, हमले के वक्त छत्तीसगढ़ के चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र से 4 दोस्त अपने परिवार के साथ बैसरन घूमने आए थे। चिरमिरी निवासी कुलदीप स्थापक, शिवांश जैन, हैप्पी बधावन, अरविंद्र अग्रवाल अपनी-अपनी पत्नी और बच्चों के साथ 18 अप्रैल को गर्मी की छुट्टियां मनाने कश्मीर आए थे। सभी लोग 21 अप्रैल को पहलगाम आए थे। कुलदीप की पत्नी का नाम पूर्वा स्थापक है, जो चिरमिरी नगर निगम के वार्ड-13 से भाजपा पार्षद हैं। 22 अप्रैल को सभी लोग बैसरन में मौजूद थे। हमले से पहले शिवांश जैन ने अपने परिजनों को फोन पर भूस्खलन के कारण सड़क बंद होने की जानकारी दी थी। सड़क के दोनों ओर पर्यटक फंस गए थे।

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फरिश्ता बनकर नजाकत ने बचाई जान

अचानक आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिससे लोगों में भगदड़ मच गई। मौके पर नजाकत अली मौजूद थे, जिन्होंने उन सभी 11 लोगों को वहां से सुरक्षित बाहर निकाला। आपको बता दें कि नजाकत अली हर साल सर्दी के मौसम में गर्म कपड़े बेचने चिरमिरी आते हैं। जान-पहचान होने के कारण चारों दोस्तों के परिवार उनके साथ घूम रहे थे। फायरिंग के दौरान नजाकत घबराए नहीं, अपनी सूझबूझ से उन्होंने सभी लोगों को अपने साथ सुरक्षित बाहर निकाल लिया। जैसे ही चिरमिरी के लोगों को फायरिंग की जानकारी मिली, वे चिंतित हो गए। नजाकत पहलगाम के रहने वाले हैं, उनसे फोन पर संपर्क करने पर पता चला कि छत्तीसगढ़ के सभी परिवार कश्मीर जा चुके हैं।

कुलदीप स्थापक के मामा ने दी ये जानकारी

कुलदीप स्थापक के मामा राकेश परासर ने मीडिया को जानकारी दी है कि भतीजे के परिवार में 3 बच्चे थे। हमले के समय सभी वहीं थे, यह बात उन्हें चिंतित कर रही थी। आतंकी हमले के बाद नजाकत सभी को अपने साथ लॉज में ले गए। अब सभी सुरक्षित कश्मीर से छत्तीसगढ़ के लिए निकल चुके हैं। चाचा के मुताबिक सेना के वाहनों से लोगों को निकाला जा रहा है। शिवांश जैन की मां के मुताबिक उनका बेटा, बहू और पोता सुरक्षित हैं। हमले के बाद सभी सुरक्षित होटल चले गए। किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। हमले के बाद परिवारों ने अपने रिश्तेदारों से संपर्क किया था।

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