India News (इंडिया न्यूज), What Is CCS Meeting : पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव बढ़ने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त नई दिल्ली में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की अहम बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा बीच में ही छोड़ दी थी और कल देर रात स्वदेश लौट आए।
इस नृशंस हमले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।” सीसीएस बैठक से पहले केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों के साथ उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा की है।
सीसीएस के सदस्य कौन हैं?
प्रधानमंत्री सीसीएस के प्रमुख हैं। समिति के अन्य प्रमुख सदस्यों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हैं।
सीसीएस, एक संविधानेतर इकाई है, जिसका भारतीय संविधान में उल्लेख नहीं है। जब भी कोई नई सरकार सत्ता में आती है, तो प्रधानमंत्री को समितियों का गठन या पुनर्गठन करने का अधिकार होता है। अधिकांश कैबिनेट समितियों का गठन उन्हें सौंपे गए किसी विशेष कार्य के साथ किया जाता है। आम तौर पर, एक कैबिनेट समिति में तीन सदस्य होते हैं। यह संख्या आठ तक जा सकती है। आम तौर पर, कैबिनेट मंत्री इन समितियों के सदस्य होते हैं। लेकिन ऐसी कैबिनेट समिति की बैठकों में गैर-कैबिनेट मंत्रियों को शामिल करना असामान्य नहीं है।
सीसीएस के प्रमुख कार्य क्या हैं?
रक्षा नीति से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी रणनीतियों तक, सीसीएस प्रमुख मुद्दों पर भारत की प्रतिक्रिया तैयार करने के लिए जिम्मेदार है। सीसीएस भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर तत्काल चिंताओं पर चर्चा करता है और निर्णय लेता है।
अब पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान पर भारत के अगले कदम को लेकर भी फैसला लिया जा सकता है। याद दिला दें कि इससे पहले POK में भारतीय सुरक्षाबलों की तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक और फिर एयर स्ट्राइक कर आतंकियों को जहन्नुम बना दिया था। इस बार भी कुछ ऐसी ही एक्शन लेने की मांग जनता की तरफ से की जा रही है।