India News (इंडिया न्यूज), Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल, 2025) दोपहर आतंकियों ने हमला किया। इसमें 26 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकी करीब दो हफ्ते पहले भारत में घुसे थे। आतंकी पीर पंजाल और वधावन के रास्ते पहलगाम पहुंचे थे। आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब दौरे से वापस लौट आए हैं। बुधवार सुबह एनआईए की टीम श्रीनगर पहुंची। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, पहलगाम की बैसरन घाटी को मिनी स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। यह जगह पर्यटकों को काफी पसंद आती है, क्योंकि यह बेहद खूबसूरत है।
मंगलवार को बड़ी संख्या में पहुंचे थे पर्यटक
बताया जा रहा है कि, मंगलवार को भी बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे थे, लेकिन वे इस बात से अनजान थे कि यह उनकी जिंदगी का सबसे खौफनाक मंजर हो सकता है। उनकी खुशियां पल भर में मातम में बदल जाएंगी। आतंकियों ने पहले पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और फिर उनसे कलमा पढ़ने को कहा। इसके बाद उन्हें गोली मार दी। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी ली है। इसमें लश्कर और ओवर ग्राउंड वर्करों की भी मदद ली गई। टीआरएफ के ये आतंकी हिट एंड रन की तकनीक पर काम करते हैं। आतंकियों ने पहले घाटी में रेकी की होगी और फिर पर्यटकों को निशाना बनाया होगा।
किस रास्ते से भारत में घुसे आतंकी?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकी दो हफ्ते पहले भारत में घुसे थे। आतंकियों ने राजौरी और फिर पीर पंजाल की पहाड़ियों से होते हुए वधावन का रास्ता चुना। इसके बाद वे पहलगाम पहुंचे। इस इलाके में गुज्जर बकरवाल की बड़ी आबादी है।
सीसीएस की बैठक में शामिल होंगे पीएम मोदी
सऊदी अरब से लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले हमले से जुड़ी जानकारी ली। एनएसए अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव ने प्रधानमंत्री मोदी को पहलगाम हमले से जुड़ी जानकारी दी। प्रधानमंत्री अब जल्द ही सीसीएस की बैठक में हिस्सा लेंगे।
शुरुआती जांच में क्या-क्या खुलासा हुआ?
- कुछ आतंकियों ने अपने हेलमेट पर कैमरे लगाए हुए थे।
- आतंकियों ने हमले का वीडियो बनाकर अपने आकाओं को भेजा।
- तीन आतंकियों ने महिला और पुरुष को अलग किया।
- फिर तय हुआ कि वे हिंदू थे या मुसलमान।
- सभी आतंकवादी बेनकाब नहीं हुए।
- कुछ लोगों को आतंकवादियों ने स्नाइपर फायर की तरह दूर से गोली मार दी।
- बहुत से लोग अत्यधिक रक्तस्राव के कारण मर गए।
- ऐसा लगता है कि हमले के लिए यह जगह जानबूझकर चुनी गई थी।
- जगह के कारण बचाव में समय लगेगा और इसलिए हताहतों की संख्या अधिक होगी।