Pakistan: तालिबान से परेशान अफगानिस्तानी नागरिक लगातार वहां से निकलने की कोशिश में लगे हैं। पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर निर्वासन अभियान जारी रखा है। वहीं पाकिस्तान की इकॉनमी इस समय वीक है। जिसके कारण शरणार्थियों को निशाना बनाया जा रहा है। पाकिस्तान सरकार अफगान शरणार्थियों और अवैध अप्रवासियों से ‘एग्जिट फी’ वसूल रही है।
- 830 डॉलर का निकास शुल्क वसूला जा रहा
- बिना वीजा के सीमा पार कर गए थे
जुर्माने के रूप में इस निकास शुल्क का बचाव
जो अप्रवासी देश छोड़ना चाहते हैं उनसे 830 डॉलर का निकास शुल्क वसूला जा रहा है। साथ ही पाकिस्तानी सरकार की ओर से कहा गया है कि यह निकास शुल्क उन अप्रवासियों द्वारा भुगतान किया जाएगा जो बिना वीजा के सीमा पार कर गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, समाप्त हो चुके वीज़ा वाले शरणार्थियों और गैर-दस्तावेज प्रवासियों से उनके द्वारा निर्धारित समय से अधिक समय तक रहने के आधार पर शुल्क लिया जाएगा। हालाँकि, जो लोग अफगानिस्तान वापस जा रहे हैं उनके लिए निकास शुल्क नहीं काटा जा रहा है। वहीं पाकिस्तानी सरकार ने जुर्माने के रूप में इस निकास शुल्क का बचाव किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता
इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर कहा गया कि ” कई अन्य देशों के आव्रजन कानूनों की तरह पाकिस्तानी कानूनों में उन व्यक्तियों के लिए जुर्माना और दंड का प्रावधान है। यह जुर्माना उनपर लगाया जाता है जो अपने वीजा अवधि से अधिक समय तक रुके हैं या आव्रजन कानूनों का उल्लंघन किया हो। पाकिस्तान ने जो भी जुर्माना लगाया है या लगाएगा वह हमारे कानूनों के अनुरूप है।” अक्टूबर में पाकिस्तान सरकार द्वारा अवैध अप्रवासियों और अफगान शरणार्थियों को 31 अक्टूबर 2023 तक देश छोड़ने का आदेश दिया गया था। जिसके लिए अंतरिम सरकार ने शरणार्थियों को पासपोर्ट और सभी वैध दस्तावेज प्रदान किए थे।
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