India News (इंडिया न्यूज़), Pakistan, दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बीते दिनों करगिल में थे। 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस के मौके पर उन्होंने साल 1999 के करगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी। रक्षा मंत्री इस युद्ध में शहीद लोगों के परिवारजनों से भी मुलाकात की थी। मई 1999 में पाकिस्तान ने दोखे से करगिल की चोटियों पर कब्जा कर लिया था जिसके बाद भारत ने ऑपेरशन विजय चला कर पाकिस्तानी कब्जे को छुड़ाया था।

एलओसी पार करेगा भारत

करगिल के द्रास में सैनिकों संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘युद्ध सिर्फ दो सेनाओं के बीच नहीं बल्कि दो देशों के बीच होता है… 26 जुलाई 1999 को युद्ध जीतने के बाद भी अगर हमारी सेनाओं ने LoC पार नहीं किया तो इसका कारण यह है कि हम शांतिप्रिय हैं, हम भारतीय मूल्यों में विश्वास करते हैं और अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। उस समय अगर हमने LoC पार नहीं किया तो इसका मतलब ये नहीं कि हम LoC पार नहीं कर सकते। हम एलओसी पार कर सकते थे, हम आज भी एलओसी पार कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर भविष्य में भी एलओसी पार करेंगे, मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं।’

पाकिस्तान को लगी मिर्ची

राजनाथ सिंहे के इस बयान पर पाकिस्तान को मिर्ची लग गई। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज में कहा, ‘लद्दाख के द्रास में दिए गए भारतीय रक्षामंत्री के बयान पर पाकिस्तान कड़ी अस्वीकृति व्यक्त करता है।’ पाकिस्तान ने अपना बौखलाहट भरी प्रतिक्रिया में आगे कहा, ‘यह पहली बार नहीं है जब भारत के राजनेताओं ने और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने इस तरह के बयान दिए हैं। भारत अपने सार्वजनिक भाषणों में पाकिस्तान को घसीटने से परहेज करे। भारत को इस तरह के बयान पर सावधानी बरतनी चाहिए। इस तरह की आक्रामक बयानबाजी दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा पैदा करता है।’

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