India News (इंडिया न्यूज), Pakistani Army General Asim Munir : पिछले कुछ सालों में भारत में हुए बड़े आतंकी हमलों में एक नाम बार-बार उभरकर सामने आ रहा है। यह शख्स कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तानी सेना का जनरल हाफिज आसिम मुनीर है। ऐसी खबरें हैं कि पठानकोट हमले, 2019 के पुलवामा हमले और अब पहलगाम में हुए आतंकी हमले को इसी शख्स ने हरी झंडी दी थी।
भारत के खिलाफ रची गई हर आतंकी साजिश के पीछे इसी शख्स का हाथ रहा है। आपको बता दें कि आतंकी संगठनों से मुनीर का गहरा नाता और भारत के खिलाफ उसकी नफरत पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को दर्शाती है।
आपको बता दें कि आसिम मुनीर अपनी कट्टरपंथी विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। इतना ही नहीं, उनके परिवार को स्थानीय तौर पर हाफिज परिवार कहा जाता है, क्योंकि परिवार के कई सदस्यों ने कुरान को पूरी तरह कंठस्थ कर लिया है। मुनीर ने सऊदी अरब में लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर तैनाती के दौरान भी कुरान को कंठस्थ कर लिया था।
पुलवामा हमले और बालाकोट की साजिश में मुनीर का हाथ
पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने 25 अक्टूबर 2018 को उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नत कर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का प्रमुख बना दिया था। इसके बाद ही मुनीर ने भारत के खिलाफ साजिशों का सिलसिला शुरू कर दिया था।
आईएसआई प्रमुख बनते ही मुनीर ने भारत के खिलाफ आतंकी साजिशों को तेज कर दिया और फिर 14 फरवरी 2019 को घाटी में पुलवामा हमला हुआ, जिसे मुनीर की निगरानी में अंजाम दिया गया। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 26 फरवरी 2019 को बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया।
इसके बाद ऐसी खबरें सामने आई थीं कि मुनीर ने पाकिस्तान सरकार पर भारत के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने का दबाव बनाया था, लेकिन सरकार ने उनकी एक नहीं सुनी। नतीजतन जून 2019 में उन्हें आईएसआई प्रमुख के पद से हटाकर दूसरी रेजिमेंट का कमांडर बना दिया गया।
पहलगाम हमले की साजिश में भी शामिल था मुनीर
भारतीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, कश्मीर में पिछले चार महीने से बड़ी आतंकी साजिश रची जा रही थी, जिसमें मुनीर की अहम भूमिका थी। खबरें हैं कि पहलगाम हमले को लेकर हुई बैठक में मुनीर खुद भी शामिल था। इतना ही नहीं, लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी को पाकिस्तानी सेना के कोर कमांडर के दफ्तर में बुलाकर न सिर्फ उसे लेक्चर देने का मौका दिया गया, बल्कि उसका फूलों से स्वागत भी किया गया। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे भी मुनीर का ही दिमाग बताया जा रहा है।
इसके अलावा, लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद को जेल से रिहा करवाने और जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर को सरकारी संरक्षण दिलाने में पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर की निजी भूमिका रही है। यह भी कहा जाता है कि मुनीर के आतंकी संगठनों के बड़े चेहरों से निजी संबंध हैं, जो उनकी साजिशों को और खतरनाक बनाते हैं।
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