India News (इंडिया न्यूज), Jammu Kashmir News: सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार इस साल बर्फबारी कम होने के कारण पाकिस्तान की ओर से आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें बढ़ गई हैं। 9 फरवरी की दोपहर को सुरक्षाबलों ने राजौरी जिले के सेक्टर नौशेरा एलओसी के पास 40 वर्षीय एक घुसपैठिए को गिरफ्तार किया। उसने अपना नाम रहमान बताया और वह पीओके के कोटली इलाके का रहने वाला है।

इससे पहले भी 30 और 31 जनवरी को पुंछ एलओसी से दो पाकिस्तानी आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी, जिन्हें सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। इसके अलावा राजौरी और पुंछ में एलओसी पर गतिविधियां बढ़ गई हैं। जानकारी के अनुसार 8 फरवरी को भी राजौरी जिले के केरी सेक्टर में पाकिस्तान से आए संदिग्ध आतंकियों ने भारतीय सेना पर फायरिंग की थी, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। ऐसे में सुरक्षाबल पूरी तरह से हाई अलर्ट मोड पर हैं और पाकिस्तान की हर हरकत पर नजर रख रहे हैं।

बारूदी सुरंगों में विस्फोट

रविवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पर एलओसी के पास जंगल में आग लग गई। इससे चार बारूदी सुरंगों में विस्फोट हो गया। हालांकि इन विस्फोटों में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन अधिकारियों ने बताया कि मेंढर के बालाकोट सेक्टर में लांजोटे के जंगल में विस्फोट हुए। दोपहर करीब एक बजे अचानक आग लग गई और बारूदी सुरंगों में विस्फोट हो गया। सीमा पार से आतंकियों को देश में घुसपैठ करने से रोकने के लिए घुसपैठ रोधी व्यवस्था के तहत एलओसी से सटे अग्रिम इलाकों में बारूदी सुरंगें बिछाई गई हैं।

डोडा, किश्तवाड़ भी हाई अलर्ट पर

आतंकवादियों की मौजूदगी को देखते हुए डोडा और किश्तवाड़ जिलों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। जानकारी है कि दोनों जिलों में अभी भी 10 से 15 आतंकी मौजूद हैं, जिन्हें मार गिराने के लिए सुरक्षा बलों का आतंक रोधी अभियान जारी है। जमीनी इलाकों से लेकर पहाड़ी इलाकों में सुरक्षा बलों की आवाजाही बढ़ा दी गई है। सुरक्षा बल डोडा किश्तवाड़ के एक दर्जन से अधिक इलाकों में अभियान चला रहे हैं, जिसका उद्देश्य आतंकियों को जहां कहीं भी छिपा हुआ है, ढूंढ़कर मार गिराना है।

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जैश, लश्कर और हमास की बैठक

मालूम हो कि आतंकी संगठन जैश, लश्कर और हमास ने मिलकर पीओके में कश्मीर की आजादी के लिए रैली निकाली थी। इस रैली में भारत को लेकर जहरीले बयान दिए गए थे और कहा गया था कि कश्मीर पर कब्जे के लिए युद्ध छेड़ा जाएगा। ऐसे में इस खतरे को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक इस साल बर्फबारी कम होने से घुसपैठ का खतरा कई गुना बढ़ गया है। आतंकियों के पारंपरिक घुसपैठ मार्गों पर बर्फबारी कम होने से घुसपैठ की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इसे देखते हुए भारतीय सेना और बीएसएफ ने एलओसी से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) तक गश्त तेज कर दी है।

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