India News (इंडिया न्यूज), Mallikarjun Kharge: संसद में बजट सत्र उस समय हंगामेदार हो गया जब सदन में ठोका-ठोकी की बात हुई। मंगलवार (11 मार्च, 2025) को राज्यसभा में सब कुछ सामान्य चल रहा था। अचानक मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे पूरे सदन में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई। दरअसल, राज्यसभा में विपक्ष के नेता बोलना चाहते थे। तभी उपसभापति ने उन्हें रोक दिया। वजह यह थी कि वह सुबह एक बार बोल चुके थे। उपसभापति हरिवंश कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह को बोलने का मौका देना चाहते थे। लेकिन तभी माहौल ऐसा बन गया कि मल्लिकार्जुन खड़गे भड़क गए।
खड़गे ने लगाया तानाशाही का आरोप
मल्लिकार्जुन खड़गे अपनी सीट से उठे और बोलना शुरू कर दिया। जब उपसभापति ने उन्हें रोका तो उन्होंने तानाशाही का आरोप लगाया। उन्होंने सीधे चेयर की तरफ इशारा करते हुए कहा कि तानाशाही हो गई है। मैं बोलना चाहता हूं। हमने बोलने की तैयारी भी कर ली है। और जो ठोकना है, हम ठीक से ठोकेंगे। इस पर उपसभापति ने आपत्ति जताई। सत्ता पक्ष के सांसदों ने विरोध करना शुरू कर दिया। पूरा सदन हंगामे से गूंज उठा।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने माफी मांगी
इसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे बैकफुट पर आ गए। उन्होंने हाथ जोड़ लिए। हाथ जोड़कर सफाई देने लगे। उन्होंने चेयर को संबोधित करते हुए कहा कि सर हम आपको नहीं, उनको ठोकेंगे। सरकार को ठोकेंगे। आप सुनिए। इसके बाद उपसभापति ने सदन के नेता जेपी नड्डा को बोलने का मौका दिया। सदन के नेता जेपी नड्डा ने मल्लिकार्जुन खड़गे को खूब खरी-खोटी सुनाई। इसके बाद खड़गे ने माफी भी मांगी। हालांकि, उन्होंने सरकार से नहीं, बल्कि चेयर से माफी मांगी।
जेपी नड्डा ने क्या कहा?
अपनी सीट से उठते हुए जेपी नड्डा ने कहा, ‘यह बहुत दुखद है कि विपक्ष के नेता ने ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया। वे अनुभवी हैं और लंबे समय तक संसदीय सदस्य के तौर पर काम कर चुके हैं। उन्होंने जिस भाषा का इस्तेमाल किया और चेयर के प्रति जो भाव व्यक्त किए, वह बेहद निंदनीय है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए। चेयर के प्रति इस्तेमाल किए गए शब्द क्षम्य नहीं हैं। वे अस्वीकार्य हैं। फिर भी विपक्ष के नेता को माफी मांगनी चाहिए। उन्हें अपने शब्द वापस लेने चाहिए। अन्यथा इसे कार्यवाही से हटा देना चाहिए।