India news (इंडिया न्यूज़),parliament building case reached Supreme Court,Delhi: नए संसद भवन का उद्घाटन विवादों में बना हुआ है। ऐसे में अब इस विवाद ने सुप्रीम कोर्ट का रूख कर लिया है। बता दें इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें यह निर्देश देने की मांग की गई है कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए। बता दें नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया जाना है। ऐसे में विपक्ष इस फैसले से खुश नहीं है। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति भवन का उद्घाटन देश के राष्ट्रपति के द्वारा होना चाहिए ना की पीएम के द्वारा। ऐसा करके देश के राष्ट्रपति का अनादर किया जा रहा है।

 

पीएम ने बहिष्कार कर रहे विपक्ष को दिखाया आईना

विदेश दौरे के बाद आज जब पीएम मोदी दिल्ली पहुंचे तो यह कहकर कांग्रेस समेत 19 विपक्षी पार्टियों के नेताओं को नसीहत दी कि दुनिया के देशों में किस तरह पक्ष और विपक्ष एक साथ खड़ा दिखाई देता है। भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में विपक्ष और पक्ष दोनों का शामिल होना अपने आप में गौरव की तो बात है। बता दें  20 पार्टियों ने कार्यक्रम का बहिष्कार करने की घोषणा की है जबकि 17 पार्टियों ने शामिल होने की बात कही है। इस पर लोकतंत्र की दुहाई दी जा रही है।

इमारतें किसी पार्टी की नहीं होती

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विपक्षी दलों के रुख का विरोध करते हुए कहा, “भारत की संसद भारत की धरोहर है, भाजपा की नही… देश की संसद का उद्घाटन हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री नहीं करेगा तो क्या पाकिस्तान का प्रधानमंत्री करेगा? संसद, राष्ट्रपति भवन ये इस तरह की इमारतें हैं जो किसी पार्टी की नहीं होती हैं। ये देश की होती हैं। हम प्रधानमंत्री की नीतियों का विरोध करें, हमें करना चाहिए, हम हर जगह करेंगे। लेकिन देश की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए हमें मोदी का विरोध करने का हक है, लेकिन देश का विरोध करना ठीक नहीं है।”

ये भी पढ़ें –  Parliament Building Inauguration: “क्या पाकिस्तान का प्रधानमंत्री करेगा हिंदुस्तान की संसद का उद्घाटन?” आचार्य प्रमोद कृष्णम