India News (इंडिया न्यूज़),Parliament Session 2024: आज संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू होने जा रही है। राज्यसभा में सुधांशु त्रिवेदी और लोकसभा में अनुराग ठाकुर चर्चा की शुरुआत करेंगे। बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा की अवधि तय की गई है। दोनों सदनों में चर्चा के लिए 21-21 घंटे तय किए गए हैं। संसद के निचले सदन में 21 घंटे चर्चा होगी जिसमें भाजपा को 8 घंटे आवंटित किए गए हैं। भाजपा की ओर से अनुराग ठाकुर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करेंगे। सदस्यों की संख्या के लिहाज से देखा जाए तो भाजपा के एक लोकसभा सदस्य को बोलने के लिए 2 मिनट मिलेंगे। अगर यही फॉर्मूला कांग्रेस पर लागू होता है तो उसे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कुल 3 घंटे 18 मिनट मिलेंगे।

संसद में आज गूंजेगा पेपर लीक का मुद्दा

बता दें कि चर्चा के केंद्र में धन्यवाद प्रस्ताव रहेगा, लेकिन विपक्ष नीट पेपर लीक पर चर्चा की मांग को लेकर आवाज उठाएगा। सरकार विपक्ष की मंशा को पहले ही भांप चुकी है, इसलिए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नीट पेपर लीक पर किसी भी चर्चा का जवाब देने की तैयारी कर ली है। संसद के पहले सत्र में सरकार किसी भी तरह से खुद को बैकफुट पर नहीं दिखाना चाहती है, इसलिए सत्र की शुरुआत के साथ ही मोदी सरकार नीट पेपर लीक पर फ्रंटफुट पर खेल रही है। खुद राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में पेपर लीक के खिलाफ सख्त कार्रवाई का जिक्र कर मोर्चा संभाल लिया है।

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नीट मामले पर सरकार एक्शन मोड में

4 जून को जब देश लोकसभा चुनाव के नतीजों में व्यस्त था, तब NTA ने नीट का रिजल्ट जारी कर सबको चौंका दिया और जब धांधली का मामला सामने आया तो विपक्ष के हाथ यह मुद्दा लग गया। लेकिन तीसरी बार शपथ लेते ही मोदी सरकार इसे लेकर हरकत में आ गई।

  • NTA के डीजी सुबोध कुमार सिंह को हटाकर प्रदीप सिंह खरोला को नया डीजी बना दिया।
  • देश भर में पेपर लीक से जुड़े सभी मामलों की जांच CBI को सौंप दी गई।
  • UGC-NET परीक्षा रद्द कर दी गई।
  • NEET-PG परीक्षा स्थगित कर दी गई।

धर्मेंद्र प्रधान के शपथ लेते ही पेपर लीक विरोधी कानून लागू

सरकार ने नीतिगत स्तर पर भी तुरंत कई बड़े फैसले लिए। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के शपथ लेते ही पेपर लीक विरोधी कानून लागू हो गया। यह कानून इसी साल फरवरी में ही पारित हो गया था।

सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम-2024 के अनुसार-

  • पेपर लीक के दोषियों को 10 साल तक की सजा और 1 करोड़ तक का जुर्माना हो सकता है।
  • नकल करने पर 3 साल तक की सजा और 10 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
  • अगर शिक्षण/कोचिंग संस्थान पर आरोप लगता है तो उसके प्रबंधक/शिक्षक को 5 से 10 साल तक की जेल हो सकती है।

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