India News (इंडिया न्यूज़), Bihar Caste Census, दिल्ली: बिहार में जातीय गणना पर लगी रोक को पटना हाईकोर्ट ने हटा लिया है। चार मई को सुनवाई के दौरान कोर्ट की तरफ से अंतरिम रोक लगाई गई थी। इस बार अदालत ने नीतीश सरकरा के पक्ष में फैसला देते हुए रोक को हटा दिया। अब बिहार में जातिगत जनगणना का रास्ता साफ हो गया है। याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने कोर्ट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अब हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। राज्य सरकार को इसका अधिकार नहीं है। कोर्ट ने सभी छह याचिकाओं को खारिज कर दिया।

  • सरकार की मांग मानी
  • सभी छह याचिकाएं रद्द
  • 500 करोड़ होगा खर्च

पटना हाईकोर्ट ने पांच दिनों तक सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सात जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसे आज सुनाया गया। याचिका में कहा गया था कि बिहार सरकार के पास इस सर्वे को कराने का अधिकार नहीं है। सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है। इसे गोपनीयता का अधिकार हनन भी बताया गया था। इस गणना पर 500 करोड़ खर्च को पैसे की बर्बादी बताया गया।

सरकार की मांग मानी

याचिकाकर्ताओं ने जातीय गणना पर रोक की मांग की थी। सरकार का पक्ष महाधिवक्ता पीके शाही कोर्ट में रख रहे थे। हाईकोर्ट की रोक के बाद राज्य सरकार ने पहले हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका डाली थी और फिर सुप्रीम कोर्ट गई थी, लेकिन राहत नहीं मिली थी। केंद्र सरकार के मना करने के बाद बिहार सरकार खुद से बिहार में जातीय आधारित गणना करा रही थी।

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