Pegasus Espionage Case
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
पेगासस जासूसी मामले में स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिकाओं पर Supreme Court कल 27 अक्टूबर को फैसला सुनाएगा। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच सुनाएगी। इससे पहले प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने 13 सितंबर को मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि वह केवल यह जानना चाहती है कि क्या केन्द्र ने नागरिकों की कथित जासूसी के लिए अवैध तरीके से पेगासस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया या नहीं?
पेगासस जासूसी कांड की जांच को लेकर 12 याचिकाएं दायर की गई थीं। इनमें वकील एमएल शर्मा, माकपा सांसद जॉन ब्रिटास, पत्रकार एन राम, पूर्व आईआईएम प्रोफेसर जगदीप चोककर, नरेंद्र मिश्रा, परंजॉय गुहा ठाकुरता, रूपेश कुमार सिंह, एसएनएम आब्दी, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया का नाम शामिल है।
13 सितंबर को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि वह इस मामले में हलफनामा दाखिल नहीं करने जा रही है। यह सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं है, इसलिए हलफनामा दाखिल नहीं कर सकते। लेकिन वह जासूसी के आरोपों की जांच के लिए पैनल गठित करने के लिए राजी है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी कि आप बार-बार उसी बात पर वापस जा रहे हैं। हम जानना चाहते हैं कि सरकार अब तक क्या कर रही थी। बता दें कि इसी साल जुलाई माह में रिपोर्ट आई थी कि इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर से भारत में कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए गए थे।
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