India News (इंडिया न्यूज), Petrol Diesel Price Today: तेल विपणन कंपनियां (OMC) प्रतिदिन सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव करती हैं। इससे कीमतें स्पष्ट रहती हैं और वैश्विक कच्चे तेल बाजार के रुझानों से मेल खाती हैं। ये बदलाव अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों और मुद्रा विनिमय दरों पर निर्भर करते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को सबसे सटीक और अद्यतन ईंधन लागत मिल सके।
बड़े शहरों में इतनी रही पेट्रोल-डीजल की कीमत
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, दिल्ली में सोमवार (6 जनवरी, 2025) को पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 87.67 रुपए प्रति लीटर है। कल के मुकाबले में इनकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.50 रुपये प्रति लीटर है। अगर एक दिन पहले की बात करें तो रविवार (5 जनवरी, 2025) को भी मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.50 रुपये प्रति लीटर थी। यानी कल से लेकर अब तक मुंबई में पेट्रोल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। तो वहीं दूसरी तरफ डीजल की कीमत की बात करें तो वो 90.03 रुपए प्रति लीटर रहा। इसकी कीमत में भी कल के मुकाबले कोई बदलाव नहीं देखने को मिला।
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पटना में कितना रहा दाम?
पटना में सोमवार (6 जनवरी, 2025) को पेट्रोल की कीमत 105.47 रुपये प्रति लीटर है। अगर एक दिन पहले की बात करें तो रविवार (5 जनवरी, 2025) को भी पटना में पेट्रोल की कीमत 105.47 रुपये प्रति लीटर थी। तो वहीं दूसरी तरफ डीजल की कीमत 92.32 रुपये प्रति लीटर है। अगर एक दिन पहले की बात करें तो रविवार (5 जनवरी, 2025) को भी 92.32 रुपये प्रति लीटर ही थी।
स्थिर बनी हुई है दर
बता दें कि, मई 2022 से भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए करों में उल्लेखनीय कमी की। कीमतों में स्थिरता के बावजूद, सरकार उत्पाद शुल्क, आधार मूल्य निर्धारण और मूल्य सीमा के माध्यम से ईंधन की लागत को नियंत्रित करना जारी रखती है। पेट्रोल और डीजल के लिए कच्चा माल, कच्चा तेल ईंधन की कीमतों का एक प्राथमिक चालक है। कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव सीधे पंप पर लागत को प्रभावित करता है।
विनिमय दर
भारत अपने कच्चे तेल का अधिकांश हिस्सा आयात करता है, जिससे रुपया-से-डॉलर विनिमय दर एक महत्वपूर्ण कारक बन जाती है। रुपये में कोई भी गिरावट आयात की लागत को बढ़ाती है, जिससे ईंधन की कीमतें बढ़ जाती हैं। केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क और मूल्य वर्धित कर (वैट) लगाती हैं। ये कर राज्य के अनुसार अलग-अलग होते हैं, जिससे पूरे देश में कीमतों में अंतर होता है। परिवहन लागत, राज्य-विशिष्ट शुल्क और स्थानीय नगरपालिका कर ईंधन की कीमतों में क्षेत्रीय भिन्नताओं में योगदान करते हैं। कच्चे तेल को उपयोग योग्य ईंधन में परिशोधित करने से कुल लागत में इज़ाफा होता है। शोधन लागत कच्चे तेल की गुणवत्ता और रिफाइनरियों की दक्षता जैसे कारकों पर निर्भर करती है।