इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : किसान आंदोलन के दौरान सुर्ख़ियों में रहे NRI बिजनेसमैन दर्शन सिंह धालीवाल एक बार फिर से विवाद में आ गए हैं। जानकारी दें, धालीवाल ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अप्रैल में 150 लोगों के सामने उनसे माफी मांगी थी। धालीवाल का कहना है कि पीएम ने यह माफी मुझे दिल्ली एयरपोर्ट से जबरन वापस अमेरिका भेज दिए जाने के लिए मांगी थी। मालूम हो, धालीवाल को मंगलवार रात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा था। सम्मान लेने के बाद इंडियन एक्सप्रेस अखबार से बातचीत में धालीवाल ने पीएम के माफी मांगने का दावा किया।

दर्शन सिंह धालीवाल के बारे में जानें

-दर्शन सिंह धालीवाल अनिवासी भारतीय बिजनेसमैन हैं और अमेरिका में रहते हैं।
-धालीवाल साल 1972 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका गए थे।
-वे अमेरिका में अब फ्यूल स्टेशन चलाते हैं और सिख कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
-दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान उन्हें सबसे ज्यादा चर्चा मिली थी।
-धालीवाल ने आंदोलन के दौरान दिल्ली में किसानों के लिए मुफ्त लंगर चलाया था।
-आंदोलन के लिए 23 अक्टूबर, 2021 की रात को वे अमेरिका से दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे थे।
-एयरपोर्ट अधिकारियों ने उन्हें अमेरिका की रिटर्न फ्लाइट में बैठाकर वापस भेज दिया था।

धालीवाल द्वारा किए गए प्रमुख दावे

एयरपोर्ट से वापस लौटने के लिए कहा गया

जानकारी दें, धालीवाल ने कहा है कि किसान आंदोलन का समर्थन करने के चलते मुझे एयरपोर्ट से ही वापस जाने के लिए कहा गया। मुझ पर समर्थन वापस लेने का दबाव बनाया गया था।

लंगर बंद करने को कहा गया था

आपको बता दें, धालीवाल ने यह भी कहा है कि दिल्ली एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने मुझे दो विकल्प दिए थे। एयरपोर्ट से बाहर जाने से पहले मुझे किसानों के खाने-पीने के लिए चलाया जा रहा लंगर बंद करना था। साथ ही किसान नेताओं को मनाने के लिए मध्यस्थ बनना था। दूसरा विकल्प ये काम नहीं करने पर वापस अमेरिका जाने का था। मैंने दूसरा विकल्प ही चुना।

राजनीतिक नहीं था मेरा लंगर

मालूम हो, धालीवाल ने कहा है कि मेरा किसान आंदोलन के दौरान लंगर चलाने का राजनीतिक कारण नहीं था, बल्कि यह काम मानवता के नाते किया गया था। उन्होंने कहा, दिसंबर, 2020 में जब किसान दिल्ली आए तो मैंने उन्हें आधी रात में बारिश के पानी में सोते और ठंड से कांपते देखा। जिसके बाद मैंने उनके खाने के लिए लंगर चलाने और ठंड से बचने के लिए कैंप लगाकर बिस्तर-रजाई देने का फैसला लिया।

पीएम मोदी ने गलती मानी

ज्ञात हो, धालीवाल ने कहा है कि पिछले साल 29 अप्रैल को पीएम मोदी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर एक सिख डेलीगेशन की मेजबानी की थी। इस डेलीगेशन में दुनिया भर के सिख बिजनेसमैन के साथ मैं भी शामिल था। इस दौरान करीब 150 लोगों के सामने पीएम मोदी ने मुझसे कहा, आपको वापस भेज दिया, ये हमसे गलती हो गई। बावजूद इसके आप हमारे कहने पर आ गए, यह आपका बड़प्पन है।

पहले जिसने वापस भेजा, आज वही कर रहा सम्मान

आपको बता दें, केंद्र सरकार की तरफ से प्रवासी भारतीय सम्मान दिए जाने को लेकर धालीवाल ने कहा, ये भगवान की कृपा है। भारत सरकार ने किसी कारण से मुझे वापस भेज दिया था। आज वही सम्मानित कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब सरकार तो सम्मानित करती रही है। केंद्र की सरकार को पहली बार याद आई है।