India News (इंडिया न्यूज), PM Modi Indus Water Treaty: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पाकिस्तान के साथ दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फैसले के बाद अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत के लिए निर्धारित पानी अब देश के भीतर ही रहेगा और उसका उपयोग किया जाएगा। एबीपी न्यूज के कार्यक्रम में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “पहले भारत के हक का पानी भी बाहर जा रहा था… अब भारत का पानी, भारत के हक में बहेगा, भारत के हक में रुकेगा और भारत के ही काम आएगा।”
क्या है सिंधु जल संधि?
यह बयान सरकार द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है। यह संधि विश्व बैंक द्वारा मध्यस्थता करके 1960 में पाकिस्तान के साथ हस्ताक्षरित एक ऐतिहासिक जल-बंटवारा समझौता था। यह घोषणा पहलगाम में हुए एक घातक आतंकवादी हमले के मद्देनजर की गई, जिसमें 26 नागरिकों की जान चली गई थी।
भारत, जिसने कई मौकों पर सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया है, ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाने का फैसला किया।
कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने लिया संधि को रोकने का फैसला
संधि को रोकने का फैसला कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने लिया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा पर सरकार की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता, तब तक यह निलंबन प्रभावी रहेगा।
संधि की शुरुआत के बाद से यह पहली बार है कि भारत ने आधिकारिक तौर पर इसके कार्यान्वयन को रोक दिया है – यह उसके कूटनीतिक रुख में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। लगातार तनाव के कारण वर्षों से समीक्षा के लिए समय-समय पर आह्वान के बावजूद, संधि अब तक अछूती रही है।
‘हम जरूरी कदम उठाने से पहले सोचते थे’
सख्त फैसले लेने में हिचकिचाहट के लिए पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा, “एक समय था जब कोई भी जरूरी कदम उठाने से पहले लोग सोचते थे कि दुनिया क्या सोचेगी… वे सोचते थे कि उन्हें वोट मिलेगा या नहीं, उनकी सीट सुरक्षित रहेगी या नहीं। इन कारणों से बड़े सुधारों में देरी हुई। कोई भी देश इस तरह आगे नहीं बढ़ सकता। देश तभी आगे बढ़ता है जब हम राष्ट्र को सबसे पहले रखते हैं।”