India News ( इंडिया न्यूज़ ) H-1B Visa: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) 21 से 24 जून के दरम्‍यान अमेरिका (USA) की पहली राजकीय यात्रा पर रहे। इस दौरान दोनों देशों में कई बड़े समझौते हुए और आपसी संबंधों में गर्माहट लाने वाले फैसले भी लिए गए है। बता दें एक बड़ा फैसला H-1B वीजा को लेकर आया, अमेरिकी दौरे के आखिरी दिन पीएम मोदी ने बताया कि अब अमेरिका में ही H-1B वीजा रिन्यू हो जाएगा, इसके लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

जानिए कैसे हैं भारतीयों के लिए फायदेमंद

जानकारों के अनुसार अमेरिका अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत एच-1बी वीजाधारकों को राहत देने जा रहा है। आने वाले सालों में इस सेवा में विस्तार किया जा सकता है। अमेरिकी सरकार की इस योजना से सबसे ज्यादा भारतीयों को फायदा होगा क्योंकि एच-1बी वीजा लेकर अमेरिका में काम करने वाले लोगों में सबसे ज्यादा तादाद भारतीयों की ही है। वित्तीय वर्ष 2022 में अमेरिका सरकार की ओर से आंकड़ों के अनुसार वहां के कुल एच-1बी वीजाधारकों में से 73 प्रतिशत यानी लगभग 4,42,000 वीजा भारतीयों मूल के लोगों को ही जारी किए गए हैं। हालांकि ये भी खबरें आई थी कि अमेरिकी विदेश विभाग इस प्रोजेक्ट में बदलाव भी कर सकता है। लेकिन अब रीगन सेंटर में पीएम मोदी के एलान के बाद यह तय हो गया है कि एच-1बी वीजाधारकों को अब राहत मिलेगी।

जानिए क्या है H1B वीसा

बता दें कि अमेरिका की सरकार हर साल विभिन्न कंपनियों को 65-85 हजार एच-1बी वीजा उपलब्ध कराती है। जिनकी मदद से कंपनियां विदेशों से स्किल्ड कामगारों को नौकरी दे सकती हैं। इनके अतिरिक्त एडवांस डिग्रीधारकों के लिए अमेरिकी सरकार की ओर से 20 हजार अतिरिक्त वीजा कंपनियों को दिए जाते हैं। यह वीजा 3 साल के लिए मान्य होता है और इसे अगले तीन सालों के लिए रिन्यू कराया जा सकता है। एच-1बी वीजा का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों में इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, अमेजन, अल्फाबेट और मेटा जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां शामिल हैं।