India News (इंडिया न्यूज़), Jalianwala Bagh tragedy:13 अप्रैल साल1919 को पंजाब के जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार के कारण भारत के इतिहास का सबसे काला दिन माना जाता है। हर साल जब भी 13 अप्रैल की तारीख आती है, अंग्रेजों की निर्दयता की कहानी फिर से ताजा हो उठती है। उस घटना को आज 105 साल बीत चुके हैं लेकिन वो दुर्घटना आज भी लोगों को दुख देती है। ये कहानी है जलियांवाला बाग हत्याकांड की। भारत की आजादी की लड़ाई की सबसे दुखद और क्रूर घटनाओं में से एक है यो घटना। उस नरसंहार का दृश्य कैसा रहा होगा, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।

PM मोदी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

इसी बीच आज शनिवार को पीएम मोदी ने जलियांवाला बाग के शहीदों को श्रद्धांजलि दी है। अपने ‘X’ हैंडल पर जलियांवाला बाग की तस्वीरें और वीडियो शेयर किए गए थे। इसके साथ ही शहीद भगत सिंह शहीद, उधम सिंह समेत सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी है।

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जानिए क्या था इतिहास

13 अप्रैल बैसाखी का दिन होता है। उस साल भी हजारों लोग त्योहार की खुशियां मनाने अमृतसर पहुंचे हुए थे। बड़ी संख्या में लोग जलियावाला बाग घूमने भी पहुंचे थे। इस दिन यहां एक राजनीकित कार्यक्रम भी होना था और एक मेला लगा था, सैकड़ों में भीड़ उमड़ी थी। तब भी बिना किसी चेतावनी के ब्रिगेडियर जनरल डायर के नेतृत्व में 90 ब्रिटिश सैनिकों की एक टुकड़ी वहां पहुंच गई। उस इलाके से बाहर निकलने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए थे।

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