India News (इंडिया न्यूज), PM Modi Visit To Saudi Arabia : भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 और 23, अप्रैल 2025 को सऊदी अरब की यात्रा पर रहेंगे। आपको बता दें कि मोदी के तीसरे कार्यकाल में यह सऊदी अरब की पहली यात्रा होगी। इससे पहले 2016 और 2019 में भी सऊदी अरब की यात्रा की गई थी।

भारत की सऊदी अरब यात्रा दोनों देशों के लिए काफी अहम होने वाली है। दोनों देशों के राष्ट्रपतियों की मुलाकात में कई मुद्दों पर चर्चा होगी। इनमें सबसे अहम भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEEC) है। इसके अलावा व्यापार और निवेश बढ़ाने के अवसर, रक्षा-सुरक्षा सहयोग और इनोवेशन-स्टार्टअप जैसे मुद्दे शामिल हो सकते हैं।

भारत के लिए IMEEC क्यों अहम है?

जानकारी के लिए बता दें कि IMEEC गैलरी भारत को मध्य पूर्व और यूरोप से जोड़ने वाला अहम कॉरिडोर है। इसका उद्घाटन G20 समिट 2023 में किया गया। सऊदी अरब इस साझेदारी का अहम साझेदार है। इस यात्रा में लॉजिस्टिक्स, पोर्ट आर्किटेक्चर, रेलवे आर्किटेक्चर और स्टॉक चेन सुरक्षा पर चर्चा होने की संभावना है।

इसके अलावा, सऊदी अरब भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा का एक प्रमुख स्तंभ है। 2023-24 में भारत ने सऊदी अरब से 33.35 मिलियन टन कच्चा तेल आयात किया, जो भारत के कुल कच्चे तेल आयात का 14.3% था। वैसे, सऊदी अरब भारत का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जो कुल का 18.2% देता है।

भारत-सऊदी के बीच व्यापार और निवेश

दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों की बात करें तो 2023-24 में थोक व्यापार 42.98 बिलियन डॉलर का हुआ, जिसमें भारत ने 11.56 यूएस डॉलर का व्यापार किया, जबकि सऊदी अरब ने 31.42 यूएस डॉलर का व्यापार किया। वास्तविक रूप से, सऊदी अरब भारत का पाँचवाँ सबसे बड़ा खरीदार और विक्रेता है।

भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा अनुयायी है। सऊदी अरब ने भारत में लगभग 10 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। वहीं सऊदी अरब में भारत का निवेश 30 मिलियन डॉलर से ज़्यादा है। इस यात्रा में व्यापार संप्रभुता और स्मार्ट सिटी, सुपरमार्केट, कृषि और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी।

भारतीय वायुसेना उगलेगी आग! बेड़े में शामिल होंगे दुनिया के सबसे खतरनाक 40 फाइटर जेट, पाक-चीन में अभी से टेंशन

150 से ज्यादा देशों में फैले तब्लीगी जमात की कब हुई थी स्थापना?