India News(इंडिया न्यूज), B PM Modi: लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरु हो चुका है। विपक्षी गठबंधन लगातार पीएम मोदी और सरकारी एजेंसियों पर हमला कर रही है। वहीं पीएम मोदी ने CJI को 600 वकीलों की चिट्ठी पर जबाव दिया है।
  • न्यायपालिका की अखंडता को कमजोर करने का प्रयास
  • उनकी हरकतें विश्वास और सद्भाव के माहौल को खराब कर रही

प्रतिबद्ध न्यायपालिका

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि दूसरों को डराना-धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है। 5 दशक पहले ही उन्होंने “प्रतिबद्ध न्यायपालिका” का आह्वान किया था। वे बेशर्मी से अपने स्वार्थों के लिए दूसरों से प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि 140 करोड़ भारतीय उन्हें अस्वीकार कर रहे हैं।

प्रमुख वकीलों ने व्यक्त की चिंता

बता दें कि हरीश साल्वे, मनन कुमार मिश्रा, आदिश अग्रवाल, चेतन मित्तल, पिंकी आनंद, हितेश जैन, उज्ज्वला पवार, उदय होल्ला, स्वरूपमा चतुर्वेदी सहित कई प्रमुख वकीलों ने CJI चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर न्यायपालिका की अखंडता को कमजोर करने के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की है।

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पत्र में क्या कहा

वकीलों ने CJI को पत्र लिखते हुए कहा कि एक निहित स्वार्थ समूह न्यायपालिका पर दबाव डालने, न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने और तुच्छ तर्क और बासी तर्क के आधार पर हमारी अदालतों को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। उनकी हरकतें विश्वास और सद्भाव के माहौल को खराब कर रही हैं।

जो न्यायपालिका की कार्यप्रणाली की विशेषता है। उनकी दबाव की रणनीति राजनीतिक मामलों में सबसे अधिक स्पष्ट होती है। विशेषकर उन मामलों में जिनमें भ्रष्टाचार के आरोपी राजनीतिक हस्तियां शामिल होती हैं। ये रणनीतियाँ हमारी अदालतों के लिए हानिकारक हैं और हमारे लोकतांत्रिक ताने-बाने को खतरे में डालती हैं।