India News (इंडिया न्यूज), PoK: पीओके यानी जम्मू-कश्मीर का वो इलाका जिस पर पाकिस्तान ने छल से कब्जा किया है। पीओके की हकीकत पूरी दुनिया जानती है, जहां के लोग अपने हक के लिए हर रोज सड़कों पर भटकते हैं। पीओके के लोग भले ही परेशान हों, उस पल को कोसते हों जब पाकिस्तान ने उनके सपनों पर चोरी से कब्जा किया था। फिर भी पाकिस्तान जब-तब कश्मीर का मुद्दा उठाता रहता है।
लंदन में एक पाकिस्तानी पत्रकार ने कश्मीर के सवाल पर जयशंकर को घेरने की कोशिश की, लेकिन जयशंकर के जवाब ने पूरे पाकिस्तान को चुप करा दिया, जयशंकर ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान ने पीओके पर चोरी से कब्जा किया है। आपको बता दें कि ब्रिटेन के दौरे पर गए जयशंकर लंदन में चैथम हाउस थिंक टैंक के एक कार्यक्रम में अपने विचार रख रहे थे, तभी उनसे कश्मीर को लेकर सवाल पूछा गया। और उनका जवाब वायरल हो गया है।
2019 के बाद एक झटके में सब बदल गया
कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान ने पिछले 70 सालों से भारत को परेशान किया। भारत को परेशान करने के लिए उसने अमेरिका का पिट्ठू होने का फायदा उठाया। दशकों तक दोनों देशों के बीच रिश्ते कश्मीर के इर्द-गिर्द ही तय होते रहे, लेकिन 5 अगस्त 2019 के बाद एक झटके में सब कुछ बदल गया।
जम्मू-कश्मीर मसले का हल निकालने के लिए मोदी सरकार ने पहला बड़ा कदम अनुच्छेद 370 हटाकर उठाया। फिर दूसरा कदम कश्मीर में विकास बहाल करके उठाया और तीसरा कदम चुनाव कराकर पूरा किया। अब जम्मू-कश्मीर समाधान का सिर्फ आखिरी कदम बचा है। जिसमें पीओके का भारत में विलय होना बाकी है।
ट्रंप की वापसी से पूरी दुनिया में उथल-पुथल
डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है। पाकिस्तान को लगता है कि हर छोटी-छोटी बात पर गुस्सा करने वाले ट्रंप के कार्यकाल में कश्मीर का मुद्दा उठाकर भारत के लिए मुश्किलें खड़ी की जा सकती हैं, लेकिन जयशंकर ने बता दिया कि ट्रंप के आने से कुछ नहीं बदलने वाला है। दुनिया में भले ही बदलाव हो जाएं, लेकिन पीओके को लेकर मोदी सरकार की नीति में रत्ती भर भी बदलाव नहीं आया है, क्योंकि इससे पहले भी जयशंकर की ओर से पीओके को लेकर ऐसा ही जवाब आया था। जब जयशंकर ने कहा था कि सीरीज के दूसरे पार्ट का इंतजार करें। लेकिन इस बार जयशंकर ने ये जवाब और सीधे अंदाज में दिया, जिसके बाद पाकिस्तान में हलचल मचना तय है।
POK एक अधूरा काम है जो अभी पूरा होना बाकी है
पीओके के सवाल पर गृह मंत्री अमित शाह दो टूक कहते हैं कि पीओके भारत का है, इसे भारत में ही रहना चाहिए। पीओके के सवाल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कह चुके हैं कि पीओके अपने आप भारत में शामिल हो जाएगा। यहां के विकास को देखकर पीओके के लोग कहेंगे कि हम भारत के साथ जाना चाहते हैं। कश्मीर को लेकर इसी नीति के तहत मोदी सरकार के मंत्री देश से लेकर विदेश तक बयान देते हैं, चाहे वो जयशंकर हों या गृह मंत्री। उनके लिए पीओके का मतलब एक अधूरा काम है जो अभी पूरा होना बाकी है।
भाजपा ने वादा पूरा किया
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 हटाने का वादा किया था, जिसे उसने पूरा भी किया। लेकिन सबसे बड़ा सवाल पीओके को लेकर है, जिसकी चुनौती मोदी सरकार को भारत में ही मिलती रहती है। फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने पहले मोदी सरकार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की चुनौती दी, फिर विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया, लेकिन हर बात पर पीछे हट गए। लेकिन सवाल पीओके को वापस पाने का है।
पीओके पाने के लिए भारत को ये करना होगा!
पीओके पाने के लिए भारत को कई रणनीतियों पर काम करना होगा। इसमें कूटनीतिक, सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक पहलू शामिल हैं। पाकिस्तान आर्थिक रूप से कमजोर हो चुका है, उसके पास हथियारों की कमी है। चीन के अलावा उसका कोई दोस्त नहीं है जो उसकी मदद कर सके। दुनिया ने भी उससे दूरी बना ली है। बची-खुची कसर पीओके में जल रही बगावत की आग ने पूरी कर दी है।
पीओके के लोग पिछले 18 दिनों से कर रहे हैं विरोध
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अक्सर विरोध प्रदर्शन होते रहते हैं, एक बार पीओके के लोगों ने चिलास डायमर बाशा डैम का दरवाजा बंद कर दिया था, जो पाकिस्तान की सबसे बड़ी बांध परियोजना है। जिसके बारे में उनका दावा है कि उनका बांध दुनिया का सबसे ऊंचा बांध होगा, लेकिन इस बांध के कारण हो रहे अन्याय के खिलाफ पीओके के लोग पिछले 18 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
गिलगित बाल्टिस्तान के लोग भी पाकिस्तान से खफा
पीओके की तरह गिलगित बाल्टिस्तान के लोग भी पाकिस्तान से खफा हैं, जिनकी जमीनों पर सरकार और सेना ने जबरन कब्जा कर रखा है। इसलिए चाहे पीओके हो या गिलगिल बाल्टिस्तान… पाकिस्तान उन्हें धोखा दे रहा है। पीओके में आतंकी ठिकानों के अलावा वहां के आम लोगों पर हो रहे अत्याचारों के मामलों को भी मोदी सरकार सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रमुखता से उठा रही है। पीओके में भारत का समर्थन बढ़ रहा है, जिसके चलते पीओके के लोगों द्वारा भारत में शामिल होने की मांग की जा रही है।