India News(इंडिया न्यूज),Prajwal Revanna: प्रज्वल रेवन्ना के यौन उत्पीड़न मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने कहा है कि एक महिला ने उनसे संपर्क कर दावा किया है कि उसे हसन के सांसद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए मजबूर किया गया था, जिन पर यौन शोषण और अपहरण का आरोप है। इसके साथ ही कई मीडिया रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि महिला ने अपने परिवार के लिए सुरक्षा की भी मांग की है और शिकायत की है कि उसे कई फोन नंबरों से धमकियाँ मिल रही हैं।

Gurpatwant Singh Pannun: अमेरिका को सता रहा भारत से रिश्ते खराब होने का डर! पनन्नु हत्या मामले में बदल लिया अपना सुर,जानें क्या कहा-Indianews

एनसीडब्ल्यू का बयान

वहीं इस मामले में एनसीडब्ल्यू ने जानकारी देते हुए कहा कि, “एक महिला ने NCW से तीन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए संपर्क किया, जो सादे कपड़े पहने हुए थे, और उसने दावा किया कि उन्होंने खुद को कर्नाटक पुलिस के रूप में पेश किया था। उसने यह भी शिकायत की कि उसे अज्ञात नंबरों से कई कॉल आए, जिसमें उसे आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा गया। इसके साथ ही बयान में कहा गया कि “यह बात सामने आई है कि महिला को उत्पीड़न के आरोपों के तहत शिकायत करने के लिए व्यक्तियों के एक समूह द्वारा मजबूर किया गया था।”

एनसीडब्ल्यू की रिपोर्ट

इस बीच, एनसीडब्ल्यू ने प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ आयोग में 700 महिलाओं द्वारा शिकायत दर्ज कराने की खबरों का भी खंडन किया है। एक एक्स पोस्ट में, एनसीडब्ल्यू के आधिकारिक हैंडल ने लिखा, “एनसीडब्ल्यू यह बताना चाहेगा कि 700 महिलाओं ने प्रज्वल रेवन्ना मामले के संबंध में एनसीडब्ल्यू में कोई शिकायत नहीं की है। कुछ मीडिया चैनल इस बारे में गलत रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

Lok Sabha Election: भारत के लोकसभा चुनावों में हस्तक्षेप के रूसी आरोपों का अमेरिका ने किया खंडन, जानें क्या कहा-Indianews

भारत नहीं लौट रहे प्रज्वल

जानकारी के लिए बता दें कि देश छोड़कर भागे प्रज्वल रेवन्ना अभी तक भारत नहीं लौटे हैं और उनके मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) ने उनके पिता और JDS विधायक एचडी रेवन्ना को यौन शोषण और अपहरण के आरोपों में पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, JDS के दूसरे नंबर के नेता और प्रज्वल रेवन्ना के चाचा एचडी कुमारस्वामी ने SIT जांच में कांग्रेस सरकार की संलिप्तता का आरोप लगाया और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत से भी मुलाकात की और मामले की “निष्पक्ष जांच” के लिए एक ज्ञापन सौंपा।