India News (इंडिया न्यूज़), Prakash and Sukhbir Badal, दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले को खारिज कर दिया। जस्टिस एमआर शाह और सीटी रविकुमार की पीठ ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया।

  • 2009 में हुई शिकायत
  • हाईकाेर्ट रद्द नहीं किया था मामला
  • कोर्ट ने बताया कानून का दुरुपयोग

शीर्ष अदालत ने कहा कि दोनों को मुकदमे का सामना करने के लिए समन किया गया था लेकिन उनके खिलाफ अपराध का कोई भी तत्व नहीं बनाया गया था। न्यायालय ने पाया की उच्च न्यायालय को कार्यवाही को रद्द कर देना चाहिए क्योंकि यह कानून का दुरुपयोग होता। कोर्ट नेय यह भी स्पष्ट किया कि इसने शिरोमणि अकाली दल (SAD) के संविधान पर हम कुछ भी बोल रहे क्योंकि यह मामला भारत के चुनाव आयोग (ECI) के समक्ष लंबित है और यहअदालत के फैसले से प्रभावित नहीं होनी चाहिए।

प्रकाश सिंह बादल का निधन हुआ

आपको बता दे की प्रकाश सिंह बादल का 25 अप्रैल को निधन हो गया था। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के अगस्त 2021 के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। उनके खिलाफ एक बलवंत सिंह खेड़ा द्वारा मामला दायर किया गया था, जिसमें SAD पर गुरुद्वारा चुनाव आयोग और ECI के साथ अलग संविधान प्रस्तुत करने का आरोप लगाया गया।

2009 में हुई थी शिकायत

सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर में पंजाब की एक अदालत के समक्ष मामले की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और नोटिस जारी किया था। होशियारपुर निवासी खेड़ा ने 2009 में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी। बादलों और एक अन्य आरोपी दलजीत सिंह चीमा ने मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत के समक्ष वर्तमान याचिका दायर की थी।

वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा और केवी विश्वनाथन क्रमशः सुखबीर सिंह बादल और प्रकाश सिंह बादल के लिए पेश हुए। दलजीत सिंह चीमा की ओर से अधिवक्ता संदीप कपूर पेश हुए। मामले को सुखबीर सिंह बादल बनाम बलवंत खेड़ा और अन्य के नाम से जाना गया।

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