India News (इंडिया न्यूज़), राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय न्याय संहिता 2023 के तीनों बिलों को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही तीनों विधेयकों को कानून बन गए हैं। इससे भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल के अब कानून बनने का रास्ता साफ हो गया है।
अब भारतीय दंड संहिता (IPC) को भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता से, दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) को भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता से और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) संहिता से बदला जाएगा।
21 दिसंबर पारित किया था विधेयक
इन विधेयकों को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा ने 20 दिसंबर को और राज्यसभा ने 21 दिसंबर पारित किया था। राज्यसभा में विधेयकों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से पेश किए जाने के बाद ध्वनि मत से पारित किया गया था।
धनखड़ ने कही थी यह बात
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने समापन टिप्पणी में कहा था, ”इतिहास रचने वाले ये तीन विधेयक सर्वसम्मति से पारित किए गए हैं। उन्होंने हमारे आपराधिक न्यायशास्त्र की औपनिवेशिक विरासत की बेड़ियों को खोल दिया है जो देश के नागरिकों के लिए हानिकारक थी और विदेशी शासकों का पक्ष लेती थी।”
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