India News (इंडिया न्यूज), Prime Minister Modi: हाल ही में भारत के साथ मालदीव के रिश्तों में खटास आई है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर मालदीव के राष्ट्रपति के सुर बदलते नजर आ रहे हैं। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होना उनके लिए सम्मान की बात होगी। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक मौके पर यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी। इस यात्रा से यह स्पष्ट हो जाएगा कि दोनों देशों के बीच संबंध सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। मुइज्जू ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। वह शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर मौजूद रहेंगे। आपको बता दें कि मोदी रविवार को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। हाल ही में हुए चुनावों में एनडीए को बहुमत मिलने के बाद राष्ट्रपति ने उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है।
मोहम्मद मुइज्जू को चीन समर्थक राष्ट्रपति माना जाता है और पिछले साल 17 नवंबर को पदभार संभालने के बाद यह उनकी पहली आधिकारिक भारत यात्रा होगी। इससे पहले, उनके पूर्ववर्ती राष्ट्रपति पद संभालने के बाद पहली बार नई दिल्ली आए थे, लेकिन मुइज्जू ने पद संभालने के बाद पहली बार तुर्की का दौरा किया। इसके बाद वे जनवरी में अपनी पहली राजकीय यात्रा पर चीन गए।
राष्ट्रपति मुइज्जू को निमंत्रण पत्र सौंपा
मालदीव में भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर ने राष्ट्रपति कार्यालय में शिष्टाचार भेंट के दौरान राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को निमंत्रण पत्र सौंपा। मुलाकात के दौरान उच्चायुक्त ने राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री मोदी की शुभकामनाएं दीं और कहा कि प्रधानमंत्री भारत के प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्रपति के तीसरे शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं। राष्ट्रपति ने निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस ऐतिहासिक समारोह में शामिल होना उनके लिए सम्मान की बात होगी।
मुइज्जू के साथ संबंधों में तनाव
उन्होंने यह भी कहा कि वे भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि मालदीव-भारत संबंध सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जैसा कि इस यात्रा से प्रदर्शित होगा। हालांकि, मुइज्जू के कार्यालय ने यह खुलासा नहीं किया कि वे भारत कब रवाना होंगे।
आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर मुइज़ू ने अपने देश से 88 से ज़्यादा भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की मांग की थी, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में तनाव पैदा हो गया था। मुइज़ू द्वारा तय की गई 10 मई की समयसीमा तक तीन विमानन प्लेटफ़ॉर्म से सैन्यकर्मियों को वापस बुला लिया गया और उनकी जगह भारत के नागरिकों को नियुक्त किया गया।