India News (इंडिया न्यूज), Puja Khedkar Case: आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ सिविल सेवा में पद हासिल करने के लिए कथित तौर पर विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा का दुरुपयोग करने के मामलने एक नया रुख ले लिया है। ऐसे में ताजा अपडेटे के अनुसार पुणे के एक अस्पताल ने बुधवार को पुष्टि की कि 2023 बैच के प्रशिक्षु को विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने में कोई गड़बड़ी नहीं हुई थी। पुणे शहर के पास पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम (पीसीएमसी) द्वारा संचालित यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (वाईसीएम) अस्पताल ने अगस्त 2022 में खेडकर को प्रमाण पत्र जारी किया था।

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खेडकर पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास करने के लिए शारीरिक विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा में कथित रूप से हेराफेरी करने सहित धोखाधड़ी के साधनों का उपयोग करने का आरोप है। यूपीएससी को उनके द्वारा प्रस्तुत विभिन्न प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की जांच की जा रही है।

उत्पीड़न की शिकायत दर्ज

आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर ने पुणे जिला कलेक्टर के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई
उसने 2022 में अपने बाएं हाथ के घुटने के जोड़ के बारे में विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। वह चिकित्सा जांच के लिए यहां आई थी और कई विभागों द्वारा उसका मूल्यांकन किया गया था। अधिकारियों ने पहले बताया था कि 24 अगस्त, 2022 को जारी किए गए प्रमाण पत्र में कहा गया था कि उसके घुटने में 7% विकलांगता है।

रिपोर्ट की मांग

वाईसीएम के डीन डॉ. राजेंद्र वाबले ने जिला कलेक्टरेट से एक संचार के बाद अस्पताल के आंतरिक विशेषज्ञता ऑर्थोपेडिक और फिजियोथेरेपी विभाग से रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें नागरिक संचालित सुविधा से जांच करने के लिए कहा गया था कि क्या सुश्री खेडकर को विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने में कोई गड़बड़ी हुई है। जिला अधिकारियों ने यह भी निर्देश दिया कि अगर कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाए। साथ ही आदेश दिया कि अगर इसमें कोई रैकेट शामिल पाया जाता है तो दंडात्मक कार्रवाई की जाए।