India News (इंडिया न्यूज़), Raghav Chadda suspension, दिल्ली: संसद का मानसून सत्र आज समाप्त हो गया। लोकसभा और राज्यसभा का आज अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। आखिरी दिन संसद में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा। वहीं राज्यसभा से निलंबन के बाद आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्डा ने ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालते हुए इस पर अपनी बात कही।

उन्होंने कहा कि भाजपा उनपर फर्जी हस्ताक्षर का आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा, “इस सप्ताह मुझे विशेषाधिकार समिति से दो नोटिस मिले…विपक्ष को संसद में बोलने का मौका नहीं दिया गया…भाजपा मुझ पर फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगा रही है लेकिन सच्चाई यह है कि कोई भी सांसद किसी भी समिति के गठन के लिए नाम प्रस्तावित कर सकता है और जिस व्यक्ति का नाम प्रस्तावित है उसके हस्ताक्षर या लिखित सहमति की आवश्यकता नहीं है।”

गौरतलब है कि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने AAP दो सांसदों राघव चड्ढा और संजय सिंह पर कार्रवाई की। राघव चड्डा को नियमों के उल्लंघन और खराब आचरण के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। साथ ही सभापति ने पहले से निलंबित संजय सिंह का निलंबन बढ़ा दिया गया।

क्यों निलंबित हुए राघव चड्डा?

7 अगस्त को दिल्ली सेवा बिल पर राज्यसभा में बहस हो रही थी। वोटिंग से पहले सांसद संशोधन या बिल पर अपना अन्य प्रस्ताव सभापति (या जो भी कुर्सी पर हो) को देते है। राघव चड्डा ने बिल को स्टैंडिग कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव दिया और कुछ सांसदो के नाम पर दिए, जिनको कमेटी में रखा जाना था।

पांचों सांसदों में कहा कि उनका नाम देने से पहले उनकी सहमति नहीं ली गई और उनका फर्जी हस्ताक्षर किया गया। इन सांसदों में सस्मित पात्रा (BJD), नरहरि अमीन (BJP), सुधांशु त्रिवेदी (BJP), नागालैंड से सांसद फांगनोन कोन्याक (BJP) और लोकसभा के पूर्व उपसभापति और अन्नाद्रमुक सांसद थंबीदुरई शामिल थे। तब उपसभापति ने कहा था कि मामले की जांच कराई जाएगी।

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