India News (इंडिया न्यूज़), No Confidence Motion, नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज बुधवार, 9 अगस्त को लोकसभा में बोलना शुरू किया। इस दौरान कांग्रेस नेता ने माफी मांगते हुए ‘अडानी बम’ फोड़ दिया। जिस कारण सदन में हंगामा तेज हो गया है। राहुल गांधी ने कहा, “स्पीकर सर, सबसे पहले मैं आपका धन्यवाद करना चाहता हूं कि आपने मेरी लोकसभा सदस्यता बहाल की। पिछली बार जब मैं बोला तो शायद मैंने आपको थोड़ा कष्ट भी पहुंचाया। क्योंकि मैंने इतनी जोरों से अदानी जी पर फोकस किया कि जो आपके सीनियर नेता हैं शायद उनको कष्ट हुआ। इस पर सत्तापक्ष हंगामा करने लगा।”

सदन में शुरू हुआ शोर-शराबा

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “वो जो कष्ट हुआ। उसका असर शायद आप पर भी थोड़ा हुआ। इसके लिए मैं आपसे माफी मांगता हूं। मगर मैंने सिर्फ सच्चाई रखी थी। आज जो मेरे बीजेपी के मित्र हैं आज आपको डरने की जरूरत नहीं है। आज जो मेरा भाषण है।” राहुल गांधी के इतना कहते ही सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया। जिसके बाद दोनों तरफ से तेज आवाज सुनाई देने लगी।

“एक दो गोले जरूर मारूंगा…”

राहुल गांधी ने सदन में कहा, “आज कोई घबराने की जरूरत नहीं है। आज मैं अपना भाषण अडानी जी पर नहीं बोलने जा रहा हूं। आप रिलैक्स रह सकते हैं क्योंकि मेरा भाषण आज दूसरी डायरेक्शन में जा रहा है। रूमी ने कहा था- जो शब्द दिल से आते हैं वो दिल में जाते हैं। तो आज मैं दिमाग से नहीं दिल से बोलना चाह रहा हूं और मैं आज आप लोगों पर इतना आक्रमण नहीं करूंगा।” उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “एक दो गोले जरूर मारूंगा, मगर इतना नहीं मारूंगा।”

विपक्षी नेताओं का सदन में हंगामा

जिसके बाद हंगामा शुरू होने पर विपक्षी नेताओं ने कहा, सर, “ये हमारा समय खत्म करने की साजिश है।” वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन भी इस दौरान कुछ बोलने के लिए खड़े हुए तो राहुल गांधी ने उन्हें शांत रहने को कह दिया। जिसके बाद सदस्यों को शांत कराते हुए स्पीकर ने कहा कि इस तरह से धमकाने वाले वाक्य यहां पर मत बोलिए।

भारत जोड़ो यात्रा का किया जिक्र

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगे कहा, “मैं समुंदर के तट से कश्मीर की बर्फीली पहाड़ी तक चला और यात्रा अभी जारी है। किसी ने टोका तो बोले कि जरूर लद्दाख आएंगे घबराइए नहीं। बहुत लोगों ने मुझसे पूछा कि राहुल तुम्हारा लक्ष्य क्या है।” कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का सदन में जिक्र करते हउए राहुल गांघी ने कहा, “जिस चीज से मुझे प्यार है, जिस चीज के लिए मैं मरने को तैयार हूं। जिस चीज के लिए मैं मोदी जी की जेलों में जाने को तैयार हूं। जिस चीज के लिए मैंने 10 साल हर रोज गाली खाई उस चीज को मैं समझना चाहता था। सालों से मैं रोज 8-10 किमी दौड़ता हूं। मेरे दिमाग में था कि अगर मैं 10 किमी चल सकता हूं तो 25 किमी चलना कोई बड़ी बात नहीं है। वो भावना को देखूं तो वह अहंकार था। मेरे दिल में उस समय अहंकार था। मगर भारत अहंकार को एकदम मिटा देता है। 2-3 दिन में घुटने में दर्द शुरू हो गया, पुरानी इंजरी थी। 2-3 दिन में अहंकार खत्म हो गया।”

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