India News (इंडिया न्यूज़),Rahul Gandhi Lok Sabha Speech: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी और सरकार पर हमला बोला। भाषण के दौरान एक दो मौके ऐसे भी आए जब राहुल की कही बातों पर विवाद काफी विवाद खड़ा हो गया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी दो बार अपनी सीट से उठ भी गए। राहुल ने कहा कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं वो दिन-रात हिंसा, हिंसा, घृणा, नफरत, असत्य, असत्य बोलते हैं। उनके इतना कहते ही सदन में हंगामा मच गया। इस पर बीजेपी नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई। राहुल यहीं नहीं रुके, उन्होंने अयोध्या में बीजेपी की हार को लेकर भी पीएम मोदी को घेरा। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने अयोध्या के लोगों को भयभीत कर रखा है।
इस बात पर उठ गए पीएम मोदी
संसद में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भारत के इतिहास में तीन मौलिक विचार हैं। इसका एक कारण यह है कि यह देश अहिंसा का देश है। यह देश डरने वाला देश नहीं है। इसलिए हमारे सभी महापुरुषों ने अहिंसा की बात की है। डरो मत, दूसरों को डराओ मत। और दूसरी तरफ शिवजी कहते हैं कि डरो मत, दूसरों को डराओ मत। अहिंसा की बात करते हैं। और जो खुद को हिंदू कहते हैं, वो हिंसा, हिंसा, घृणा, द्वेष, असत्य, असत्य, असत्य दिन-रात बोलते रहते हैं। इस बात पर मोदी जी ने अपने भाषण में जबाव देते हुए कहा कि भारत ने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया।
मोदी ने कहा- इस तीर ने दिल को छेद दिया है
हिंदुओं और भारत के विचार को जवाब देने के लिए मोदी खुद सदन में अपनी सीट से उठे। मोदी ने राहुल की तरफ मुंह करके कहा कि वो चिल्ला रहे हैं क्योंकि इस तीर ने दिल को छेद दिया है। ये मामला बहुत गंभीर है। पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर मामला है। बाद में गृह मंत्री अमित शाह ने खड़े होकर राहुल से माफी मांगने को कहा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अपने इस व्यक्तव्य के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। मोदी जी बीजेपी वालों को भी डरा देते हैं बाले बयान पर पीएम ने जवाब दिया।
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राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि राजनाथ सिंह ने नमस्ते करके मेरा स्वागत किया। मोदी जी यहां बैठे हैं, मुस्कुरा नहीं रहे हैं, गंभीर हैं, नमस्ते भी नहीं कर रहे हैं, कहीं मोदी जी न देख लें, दिक्कत हो जाए। लेकिन वे यहां चुपचाप बैठे हैं। यही कहानी गडकरी की भी है। अयोध्या के लोगों को तो छोड़िए, वे भाजपा वालों को भी डराते हैं।
इस बार पीएम मोदी फिर अपनी सीट से खड़े हुए और कहा कि लोकतंत्र और संविधान ने मुझे सिखाया है कि मुझे विपक्षी नेता को गंभीरता से लेना चाहिए। इस कटाक्ष पर सत्ता पक्ष भी हंसने लगा। इतना कहने के बाद पीएम फिर बैठ गए।