India News (इंडिया न्यूज़), Bullet Train: बुलेट ट्रेन के लिए बनाए जा रहे रेल ना सिर्फ सामान्य भारतीय रेलवे और मेट्रो ट्रैक से बिल्कुल अलग है, बल्कि, 6 लेयर में बना हाई स्पीड रेल रूट होगा। इसका ट्रैक जापानी स्लैब ब्लास्टलेस ट्रैक सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। आइए आपको बताते हैं कि किस तरह से कितनी ऊंचाई पर इसे बनाया जा रहा है।
कुल दूरी 508 किलोमीटर
1- वायाडक्ट – जब दो पीयर यानी पिलर को जोड़ते हुए इसके उपर कंक्रीट स्लैब लगाया जाता है तो उसे वायाडक्ट कहा जाता है। अबतक 90KM से ज्यादा वायाडक्ट बनाया जा चुका है। इस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में 352 किलोमीटर गुजरात में, केंद्र प्रदेश दादरा नगर हवेली और महाराष्ट्र दोनों में 156 किलोमीटर का कॉरिडोर होगा यानी कुल दूरी करीब 508 किलोमीटर का है। गुजरात के 352 KM पूरा वायाडक्ट यानी एलिवेटेड ट्रैक रहेगा और महाराष्ट्र में अंडर ग्राउंड होगा।
30 सितंबर 2023 तक गुजरात के 352 KM वायाडक्ट में से 90KM से ज्यादा बनकर तैयार हो चुके हैं जो सड़क से तकरीबन 12 से 15 मीटर की ऊंचाई पर बनाया जा रहा है। 235 KM से ज्यादा इलाके में पिलर खड़े किए जा चुके हैं।
RC (Reinforced Concrete) वायाडक्ट को मजबूती से जोड़ने और पैक करने के लिए RC एंकर का इस्तेमाल किया जाता है। RC एंकर 520 मिलीमीटर डायमीटर और 260 मिलीमीटर ऊंचाई वाले आकार का होता है, ताकि 320KM की रफ्तार से बुलेट ट्रेन चलाने के लिए सही अलाइनमेंट बना रहे।
2- RC ट्रैक बेड -वायाडक्ट के ऊपर RC ट्रैक बेड बनाया जाता है जिसकी मोटाई करीब 300 मिलीमीटर और चौड़ाई 2420 मिलीमीटर है। करीब 13.5 मीटर चौड़ाई के वायाडक्ट पर डबल लाइन्स स्टैंडर्ड गेज ट्रैक बनाए जा रहे हैं।
3- सिमेंट एस्फाल्ट मोर्टार (Cement Asphalt Mortar – CAM)- भारत में पहली बार सिमेंट एस्फाल्ट मोर्टार यानी CAM का इस्तेमाल RC ट्रैक बेड के ऊपर किया जा रहा है जो ट्रैक बेड और ट्रैक स्लैब के बीच कुशंद का काम करेगा जिसकी वजह से ना तो पटरियों पर वाइब्रेशन होगा और ना ही हाई स्पीड सफ़र के दौरान झटके महसूस होंगे।
4- ट्रैक स्लैब – CAM के ऊपर ट्रैक स्लैब बिछाया जाएगा जो प्रीकास्टेड होंगे।
5- रेल यानी पटरी – ट्रैक स्लैब के ऊपर पटरियां बिछाई जाएगी जो JIS (Japan international standard) पटरियां होगी और जापान से ही बनकर भारत आएगी। कुल 14, 000 मिट्रिक टन JIS रेल आयात होगी।
6- रेल फासनर (Rail Fastener)- ट्रैक पर पटरी बिछाने के साथ साथ रेल फासनर से पटरी को कसा जाता है जो चूड़ीनुमा आकार का होता है।
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बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर 24 नदी पुल
हाई स्पीड के इस प्रोजेक्ट में 24 पुल होगें जो नदियों के ऊपर होंगे। अबतक 5 पुल अलग अलग नदियों के ऊपर पूरी तरह बनकर तैयार है। इनमें से 2 पुल गुजरात के वलसाड जिले के पर और औरंगा नदियों पर बनाए गए हैं तो वहीं, इस प्रदेश के नवसारी जिले के पूर्णा, मिंधोला और अंबिका नदियों पर 3 ब्रीज पर बुलेट ट्रेन दौड़ेगी।
कॉरिडोर पर होंगे 12 स्टेशन
इस कॉरिडोर पर 12 स्टेशन होंगे जो आर्थिक राजधानी मुम्बई और डायमंड व इंडस्ट्रियल हब गुजरात को जोड़ेंगे। गुजरात में साबरमती, अहमदाबाद, आनंद, वड़ोदरा, भरूच, सुरत, बिलिमोरा, वापी स्टेशन होंगे तो महाराष्ट्र में बोईसर, विरार, ठाणे और मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन बनेंगे जिसका काम तेजी से चल रहा है।
समुद्र के नीचे बनेगी सुरंग
मुंबई अहमदबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के 508 किलोमीटर की कुल दूरी में 8 सुरंगें होगी जिनमें 7 सुरंगे पहाड़ों के नीचे से होकर गुजरेगी। एक माउंटेन सुरंग गुजरात के वलसाड के ज़ारोली में खोली गई और बाकी 6 माउंटेन सुरंग महाराष्ट्र में होगी। एक सबसे लंबी करीब 21 KM सुरंग महाराष्ट्र के ठाणे के सिलफाटा में होगी जिसके बीच ठाणे क्रीक के नीचे 7KM की सुरंग समुद्र के नीचे बनेगी।
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ध्वनि प्रदूषण और इको फ्रेंडली होगी बुलेट ट्रेन
इसके ट्रैक के दोनों ओर 2 मीटर ऊंचाई का noise बैरियर लगाए जा रहे हैं ताकि जब ये ट्रेन हाई स्पीड से चलेगी तो आसपास ज्यादा शोरगुल ना हो। अहमदाबाद जैसे शहरी इलाकों में noise बैरियर की ऊंचाई 3 मीटर होगी।
साथ ही, CO2 उत्सर्जन भी दूसरे वाहनों या ट्रांसपोर्ट की तुलना में काफी कम होगा।
बुलेट ट्रेन जापान के शिंकासेन के E 5 सीरीज की होगी जिसकी खासियत है
1-डबल स्किन एल्युमिनियम एलॉय बॉडी
2-व्हील चेयर फिक्सिंग बेल्ट
3-कंफर्टेबल सीट बैक
4-व्हील चेयर अक्सेसिबल टॉयलेट
5-फ्लिप अप टाइप आर्मरेस्ट्स
6-रीक्लाइंग मैकेनिज्म
7-LED लाइटिंग फैसिलिटी
8-पैसेंजर इन्फॉर्मेशन सिस्टम
9-वॉयस कम्युनिकेशन सिस्टम
10- सर्विलेंस के लिए कैमरे
11-दिव्यांग के लिए ब्रेल साइनेज
12-मल्टीपरपस रुम
समय की बचत
बुलेट ट्रेन से मुम्बई से अहमदाबाद 508 KM की दूरी आप सिर्फ 2घंटे 7 मिनट में तय कर लेंगे
बस से 9 घंटे 30 मिनट, कार से 8 घंटे, ट्रेन से 5 से 6 घंटे, हवाई जहाज से 1 घंटे 10 मिनट, जबकि, चैक इन बोर्डिंग टाइम समेत 2 घंटे का वक्त लगेगा।
दरअसल, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का शिलान्यास सितंबर 2017 में हुआ था और जापान की एजेंसी JICA ने 1,08,000करोड़ का लोन 0.1% इंटरेस्ट पर दिया है जो 50 साल के लिए है, लेकिन,इस एजेंसी ने 15 साल का लोन मोरेटोरियम पीरियड दी।
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