India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan Kota Crime: हाल ही में सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने जयपुर में रेलवे भर्ती घोटाले का बड़ा खुलासा किया है। इस मामले में डमी अभ्यर्थियों का उपयोग कर फर्जी तरीके से नौकरियां दिलाने के आरोप सामने आए हैं। इस कार्रवाई में रेलवे के अज्ञात अधिकारी, कर्मचारी और निजी व्यक्तियों की संलिप्तता की जांच की जा रही है। आरोप है कि कोटा के सोगरिया में पाइंटमैन के पद पर कार्यरत आशा मीणा को डमी कैंडिडेट लक्ष्मी मीणा के माध्यम से नौकरी दिलाई गई थी।
शिकायत पर हुई कार्रवाई
इस मामले की शुरुआत पश्चिम-मध्य रेलवे के सतर्कता विभाग द्वारा की गई शिकायत से हुई थी, जिसे सीबीआई के पास भेजा गया। इसके बाद सीबीआई ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कोटा, करौली और अलवर सहित कई स्थानों पर एक साथ छापेमारी की।
सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को कोटा और करौली स्थित संबंधित कर्मचारी के घर पर करीब तीन घंटे तक पूछताछ और तलाशी अभियान चलाया। इसके अलावा एक पाइंटमैन और निजी व्यक्ति के घरों पर भी छापेमारी की गई। इस अचानक हुई कार्रवाई से रेलवे महकमे में हड़कंप मच गया। अधिकारी, कर्मचारी और खुफिया विभाग के सदस्य आपस में जानकारी जुटाने में लगे रहे।
कैसे हुआ घोटाला?
सूत्रों के अनुसार, इस गिरोह ने प्रवेश परीक्षा में डमी कैंडिडेट्स को बिठाकर फर्जी तरीके से युवक-युवतियों को रेलवे में भर्ती करवाने का काम किया। इस प्रक्रिया में परीक्षा-पत्र पर फर्जी फोटो, फिंगरप्रिंट और हस्ताक्षरों की हेराफेरी की गई। गिरोह ने अत्यधिक सटीकता और तकनीकी साधनों का उपयोग कर यह सुनिश्चित किया कि असली और डमी अभ्यर्थियों के बीच कोई भेद न पता चल सके।
छापेमारी से बड़े खुलासे की उम्मीद
सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इस घोटाले से जुड़े बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम सामने आ सकते हैं। यह भी संभावना है कि सीबीआई इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ करेगी, जो रेलवे में भर्ती प्रक्रिया में धांधली कर रहा था।
रेलवे में मची हलचल
सीबीआई की छापेमारी से रेलवे विभाग में खलबली मच गई है। इस मामले से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों पर शक गहराता जा रहा है। माना जा रहा है कि इस गिरोह ने बड़े पैमाने पर फर्जी भर्ती कर रेलवे को गंभीर आर्थिक और नैतिक नुकसान पहुंचाया है।
इस घोटाले ने एक बार फिर सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और ईमानदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सीबीआई की कार्रवाई से न केवल दोषियों को पकड़ने की उम्मीद है, बल्कि यह भी संभावना है कि भविष्य में इस प्रकार के घोटालों को रोकने के लिए सख्त उपाय किए जाएंगे। रेलवे जैसे महत्वपूर्ण विभाग में इस प्रकार की गतिविधियां देश की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। अतः यह जरूरी है कि इस मामले की तह तक जाकर दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।