India News (इंडिया न्यूज), MP Kartikeya Sharma: राज्य सभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने मतस्य पालन और उनसे जुड़ी योजना प्रधानमंत्री मतस्य सम्पदा योजना (PMMSY) से जुड़े अहम सवाल पूछे हैं। दरअसल उन्होंने केंद्रीय मतस्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री को पत्र लिखकर 3 महत्वपूर्ण और जनता से जुड़े सवाल पूछे हैं। उन्होंने पूछा कि, प्रधानमंत्री मतस्य सम्पदा योजना को लागू करने के लिए क्या उपाय किए गए हैं। दूसरा प्रश्न उन्होंने पूछा कि, पीएमएमएसवाई के तहत विशेष रूप से टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में कोल्ड चेन अवसंरचना की कमी को पूरा करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। माननीय सांसद कार्तिकेय ने तीसरा सवाल पूछा कि, क्या पीएमएमएसवाई के तहत समुद्री शैवाल, मसल्स (सीप) आदि वैकल्पिक प्रजीतियों की खेती और सजावटी मछली पालन को बढ़ावा देने हेतु क्षेत्र में क्या उपाय किए गए हैं।

मंत्री राजीव रंजन सिंह ने दिया ये जवाब

मत्स्य पालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय वित्तीय वर्ष 2020-21 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक 5 वर्ष की अवधि के लिए 20050 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय से प्रमुख योजना प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) को कार्यान्वित कर रहा है। मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार ने विगत चार वित्तीय वर्षों (वित्त वर्ष 2020-21 से 2023-24) और वर्तमान वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान पीएमएमएसवाई के अंतर्गत 8871.45 करोड़ रुपए की केंद्रीय अंश के साथ 20864.29 करोड़ रुपए की कुल लागत पर विभिन्न राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य कार्यान्वयन एजेंसियों के मात्स्यिकी विकास प्रस्तावों को मंजूरी दी है। पीएमएमएसवाई के अंतर्गत फंड के आवंटन और उपयोग का राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार विवरण अनुबंध। में दिया गया है

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विभिन्न पहलों/योजनाओं के माध्यम से सरकारों, मछुआरों, मत्स्य किसानों और अन्य मात्स्यिकी हितधारकों के ठोस प्रयासों के परिणामस्वरूप

 

  1. विगत 5 वर्षों के दौरान देश में वार्षिक मत्स्य उत्पादन में वृद्धि हुई है जो 2019-20 के दौरान 141.64 लाख टन से बढ़कर 2022-23 में 175.45 लाख टन के सर्वकालिक रिकॉर्ड तक पहुंच गया है
  2. मात्स्यिकी विकास परियोजनाओं के कारण मत्स्यन और जलीय कृषि से संबंधित गतिविधियों में लगभग 58 लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन
  3. मात्स्यिकी निर्यात 2019-20 में 46662.85 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 60524.89 करोड़ हो गया
  4. प्रति व्यक्ति मत्स्य की खपत 5-6 किलोग्राम से बढ़कर 12-13 किलोग्राम हो गया
  5. जलीय कृषि उत्पादकता में 4.7 टन प्रति हेक्टेयर की वृद्धि
  6. पोस्ट-हार्वेस्ट हानि में 10-15% की कमी हुई।

कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को दूर करने के लिए किया गया ये काम

कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को दूर करने के लिए मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय पीएमएमएसवाई के अंतर्गत अन्य बातों के साथ-साथ मॉडर्न पोस्ट-हार्वेस्ट कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण जैसे कोल्ड स्टोरेज और आइस प्लांट तथा फिश ट्रांसपोर्टेशन जिनमें आइस फ्लेकिंग और आइस क्रशिंग यूनिट वाले रेफ्रिजरेटेड और इंसुलेटेड वाहन और आइस/फिश होल्डिंग बॉक्स वाले मोटरसाइकिल, साइकिल और ऑटोरिक्शा आदि शामिल है, में सहायता प्रदान करती है।

पोस्ट-हार्वेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए, विगत चार वित्तीय वर्षों (2020-21 से 2023-24) और वर्तमान वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान, सभी राज्यों में पीएमएमएसवाई के अंतर्गत कुल 1316.19 रुपए के परिव्यय पर टियर-2 और टियर-3 शहरों सहित केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 634 कोल्ड स्टोरेज, फिश ट्रांसपोर्टेशन सुविधाओं की 27,189 इकाइयां (जैसे आइस बॉक्स वाली 10924 मोटरसाइकिल, आइस बॉक्स वाली 9412 साइकिलें, 3860 ऑटो रिक्शा, 1243 लाइव फिश वेंडिंग इकाइयां, 1377 इंसुलेटेड ट्रक और 373 रेफ्रिजरेटेड ट्रक) को मंजूरी दी गई। इन मंजूरियों से लगभग 24000 टन कोल्ड स्टोरेज क्षमता सृजित होगी, जिससे पोस्ट-हार्वेस्ट हानि में कमी आएगी।

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