India News (इंडिया न्यूज़), Ram Rahim: डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को आज 22 साल पुराने हत्या के मामले में बरी कर दिया गया। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने जांच में चूक और आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूतों की कमी का हवाला देते हुए यह फैसला सुनाया। न्यायालय ने उन क्षेत्रों को भी सूचीबद्ध किया, जिनमें जांच “दूषित और अस्पष्ट” थी – जिसमें हत्या के लिए इस्तेमाल किया गया हथियार, बैलिस्टिक रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पॉलीग्राफ परीक्षण शामिल हैं, जो पूर्व संप्रदाय प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या में अभियोजन पक्ष के दावों की पुष्टि नहीं करते हैं।
कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर और ललित बत्रा की पीठ ने कहा कि मीडिया की चकाचौंध से प्रभावित होकर जांच अधिकारी ने “अपराध की एक दूषित और अस्पष्ट जांच की।” न्यायाधीशों ने कहा कि यह मामला “न्यायालय द्वारा रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्यों का गहन और वस्तुनिष्ठ विश्लेषण करने की आवश्यकता का एक स्पष्ट चित्रण है।”
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क्या है मामला?
राम रहीम अपनी दो शिष्याओं के साथ बलात्कार के लिए 20 साल की सजा काट रहा है और उसके खिलाफ 16 साल पुराना हत्या का मामला भी दर्ज है। रंजीत सिंह की कथित तौर पर एक गुमनाम पत्र के प्रसार में उनकी संदिग्ध भूमिका के लिए हत्या कर दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि कैसे डेरा मुख्यालय में राम रहीम द्वारा महिलाओं का यौन शोषण किया जा रहा था।
साजिश के आरोपी राम रहीम और चार अन्य को अक्टूबर 2021 में हरियाणा के पंचकूला में सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वह फिलहाल हरियाणा के रोहतक की जेल में है। बलात्कार के मामलों में 2017 में गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर हिंसा और आगजनी हुई। तीस लोग मारे गए, 250 से अधिक घायल हुए और सेना को बुलाना पड़ा।