India News(इंडिया न्यूज),Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी को टोंक जिले का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। हाल ही में बिधूड़ी ने लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था। बताया जा रहा है कि बिधूड़ी चुनाव तक टोंक में कैंप करके पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का काम करेंगे। बता दें टोंक जिला को कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का गढ़ माना जाता है और वो इसी सीट से विधायक भी हैं।
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मामला है कि पायलट के खिलाफ बीजेपी की कोशिश गुर्जर नेता को गुर्जर नेता के जरिए टक्कर देने की है। इसीलिए बीजेपी ने पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी को राजस्थान विधानसभा चुनाव में माहौल बनाने के लिए टोंक जिले का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। पायलट और बिधूडी दोनों गुर्जर समुदाय से आते हैं। इसीलिए बीजेपी ने बिधूड़ी के जरिए पायलट को सिर्फ टक्कर देने नहीं बल्कि गुर्जर समुदाय को भी अपना वोट बैंक बनाने की कोशिस में जुट गयी है।
टोंक जिले में गुर्जर समुदाय का दबदबा
टोंक जिले में गुर्जर समुदाय के लोगों का दबदबा बना रहता है। और वहां गुर्जर समुदाय के लोग बड़ी संख्या में है। टोंक जिले में चार विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से टोंक सीट से सचिन पायलट विधायक हैं। माना जाता है कि पिछले विधानसभा चुनाव में पायलट के चलते ही गुर्जर समुदाय से 8 विधायक जीतने में सफल रही थे। कांग्रेस ने गुर्जर समुदाय से 12 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से सात विधायक बनने में सफल रहे। वहीं बसपा के टिकट पर गुर्जर समुदाय के जोगिन्दर सिंह अवाना जीतकर विधायक बने, लेकिन बाद में उन्होंने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया। इस तरह गुर्जर समुदाय से कांग्रेस के 8 विधायक हो गए हैं। दुसरे तरफ बीजेपी ने भी गुर्जर समुदाय के 9 प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन एक सीट पर भी जीत हासिल नहीं कर पाएं।
बीजेपी का दांव पेंच कितना फायदेमंद साबित होगा ?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी ने रमेश बिधूड़ी को टोंक जिले में उतारकर गुर्जर वोट बैंक का फायदा उठा सकता है क्योंकि वह भी गुर्जर समुदाय से ही आते हैं। एक तरफ बसपा सांसद दानिश अली पर विवादित टिप्पणी किए जाने को लेकर बिधूड़ी भारतीय राजनीति चर्चित हो चुकें हैं। बिधूड़ी ने जिस तरह से बसपा सांसद मुस्लिमों को लेकर विवादित बयान दिए हैं, इस परपंच से बीजेपी को राजस्थान में हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण की उम्मीद दिख रही है। इस वजह से उन्हें चुनावी रण में ऐसे जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जहां उनकी धर्म और जाति के लोगों का वोटबैंक जीत हार की भूमिका तय करेंगी। बिधूड़ी के जरिए सचिन पायलट को उनके ही घर में घेरने और साथ ही राजस्थान में गुर्जर समुदाय के लोगों वोट बैंक साधने की कवायद के तौर पर देखा रहा है। ऐसे में अब असमंजस यह है कि बीजेपी का यह राजनीतिक दांव पेंच कितना फायदेमंद साबित हो सकता है?
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