India News(इंडिया न्यूज), Bank Account Fraud: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने धोखाधड़ी से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। केंद्रीय बैंक ने इस संबंध में सभी बैंकों, HFC और NBFC को दिशा-निर्देश भी भेजे हैं। इसके अनुसार अब किसी भी व्यक्ति या कंपनी को धोखाधड़ी घोषित करने से पहले इन नियमों का पालन करना होगा।
डेटा एनालिटिक्स का करना होगा इस्तेमाल
बता दें कि, RBI ने सोमवार, 15 जुलाई को एक मास्टर सर्कुलर जारी किया है। इसमें धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन से जुड़े नियमों को स्पष्ट किया गया है। इसके अनुसार सभी बैंकों, HFC और NBFC को आंतरिक ऑडिट और बोर्ड नियंत्रण को मजबूत करने के लिए नए नियमों का पालन करना होगा। मास्टर सर्कुलर के अनुसार धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए डेटा एनालिटिक्स का भी इस्तेमाल करना होगा।
बैंकों के बोर्ड को बनानी होगी ये नीति
RBI के मास्टर सर्कुलर के अनुसार अब धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन के मामले में बोर्ड और वरिष्ठ प्रबंधन की भूमिका और जिम्मेदारियों को निर्धारित करने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति की आवश्यकता अनिवार्य कर दी गई है। RBI ने पहले जारी किए गए मास्टर सर्कुलर की समीक्षा करके नए नियम जारी किए हैं। नए सर्कुलर के अनुसार किसी कंपनी या व्यक्ति से संबंधित धोखाधड़ी घोषित करने से पहले न्याय के सिद्धांतों का पालन किया जाएगा। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के 27 मार्च 2023 के फैसले को ध्यान में रखने के निर्देश दिए गए हैं। यह मामला स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और राजेश अग्रवाल व अन्य के बीच था।
हर तीन साल में करनी होगी नीति की समीक्षा
मास्टर सर्कुलर में कहा गया है कि, जिन व्यक्तियों/संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस दिया जाएगा, उन्हें जवाब देने के लिए कम से कम 21 दिनों का उचित समय दिया जाएगा। RBI ने यह भी कहा कि बैंक को उन व्यक्तियों, संस्थाओं और उसके प्रमोटरों/पूर्णकालिक और कार्यकारी निदेशकों को विस्तृत कारण बताओ नोटिस जारी करना होगा, जिनके खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप की जांच की जा रही है। धोखाधड़ी घोषित करने से पहले सभी नियमों का पालन किया जाना चाहिए। धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन नीति की हर तीन साल में समीक्षा करनी होगी।
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