India News (इंडिया न्यूज), RBI MPC Meeting 2025: 7 फरवरी 2025 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (Monetary Policy Committee – MPC) ने अपनी बैठक आयोजित की, जिसमें देश की ब्याज दरों (Interest Rates) को लेकर अहम फैसला लिया जाना है। विशेषज्ञों और विश्लेषकों का अनुमान है कि इस बार रेपो रेट में कटौती हो सकती है। यह बैठक कई कारणों से चर्चा में है। आइए जानते हैं वे मुख्य बिंदु, जो इस बैठक को खास बनाते हैं, और समझते हैं कि RBI के संभावित फैसले का आम आदमी और बाजार पर क्या असर पड़ेगा।

नए गवर्नर संजय मल्होत्रा की पहली पॉलिसी

यह मॉनेटरी पॉलिसी बैठक आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) की अध्यक्षता में आयोजित हो रही है। उन्होंने 9 दिसंबर 2024 को भारतीय रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाला। संजय मल्होत्रा, जो इससे पहले भारत के रेवेन्यू सेक्रेटरी रह चुके हैं, एक बिजनेस-फ्रेंडली ब्यूरोक्रैट के रूप में जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में BFSI (Banking, Financial Services, and Insurance) सेक्टर को बड़ी उम्मीदें हैं।

गवर्नर मल्होत्रा द्वारा किए जाने वाले ऐलान पर बाजार और उद्योग की नजरें टिकी हुई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी नीतियां अर्थव्यवस्था के लिए किस दिशा में मार्ग प्रशस्त करती हैं।

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क्या 5 साल बाद ब्याज दरों में होगी कटौती?

विश्लेषकों के मुताबिक, इस बार रेपो रेट (Repo Rate) में कटौती की प्रबल संभावना है। यदि यह कटौती होती है, तो यह पिछले 5 वर्षों में पहली बार होगी। 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान आरबीआई ने ब्याज दरों में आखिरी बदलाव किया था। इस बार 25 बेसिस पॉइंट (bps) की कटौती का अनुमान है।

संभावित प्रभाव:

  • बैंक लोन सस्ते होंगे: होम लोन, कार लोन और बिजनेस लोन की दरों में कमी आ सकती है।
  • बॉन्ड मार्केट में उछाल: कटौती की संभावना के चलते बॉन्ड मार्केट पहले ही रैली कर रहा है।
  • आर्थिक विकास को प्रोत्साहन: कम ब्याज दरें निवेश को बढ़ावा देंगी और उपभोग को प्रोत्साहित करेंगी।

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3. राजेश्वर राव को मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी का प्रभारी बनाया गया

RBI के डिप्टी गवर्नर राजेश्वर राव (Rajeshwar Rao) को मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई है। यह भूमिका तब तक निभाई जाएगी जब तक माइकल पात्रा (Michael Patra) के स्थान पर नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त नहीं हो जाता। माइकल पात्रा का कार्यकाल 15 जनवरी 2025 को समाप्त हो गया।

राजेश्वर राव की नीतियों पर बाजार की पैनी नजर है। उनका नेतृत्व देश की मौद्रिक नीति की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा।

आरबीआई के फैसले का असर

1. आम आदमी के लिए राहत:

यदि ब्याज दरों में कटौती होती है, तो होम लोन और अन्य ऋण सस्ते होंगे। इससे ईएमआई का बोझ कम होगा और आम आदमी को राहत मिलेगी।

2. शेयर बाजार और बॉन्ड यील्ड:

शेयर बाजार में उछाल और बॉन्ड यील्ड में गिरावट देखने को मिल सकती है। यह निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत होगा।

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3. आर्थिक विकास:

ब्याज दरों में कटौती से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। उपभोग और निवेश बढ़ेगा, जिससे GDP में वृद्धि होगी।

इस बार की RBI MPC बैठक कई मामलों में विशेष है। नए गवर्नर संजय मल्होत्रा की पहली नीति, संभावित ब्याज दर कटौती, और नए नीति निर्माताओं की भूमिका इसे ऐतिहासिक बना रहे हैं। अब यह देखना होगा कि RBI किस तरह की घोषणाएं करता है और उनका बाजार व आम आदमी पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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