India News Delhi(इंडिया न्यूज़), Rekha Gupta Delhi CM: 20 फरवरी 2025 शुक्रवार को भाजपा विधायक रेखा गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। इसके साथ कई विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ भी ली। सवाल यह है कि दिल्ली में आज शपथ लेने वाले कैबिनेट मंत्रियों में सबसे अमीर कौन है, कितने प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। सीएम रेखा गुप्ता के साथ इन मंत्रियों की योग्यता क्या है। इस संबंध में पूरी जानकारी एडीआर रिपोर्ट के आधार पर प्रस्तुत है।
दरअसल, दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मंत्रियों (उस समय भाजपा उम्मीदवार) द्वारा प्रस्तुत हलफनामे में अपने बारे में दी गई जानकारी के अनुसार, आज शपथ लेने वाले दिल्ली के 71 प्रतिशत मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
71 प्रतिशत मंत्रियों के हलफनामे में आपराधिक मामलों की जानकारी
एडीआर रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले सात मंत्रियों में से पांच यानी 71 प्रतिशत मंत्रियों ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी है, जबकि दो मंत्री यानी 29 प्रतिशत अरबपतियों की श्रेणी में शामिल हैं।
एडीआर रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जिन पांच कैबिनेट मंत्रियों ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमें दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी शामिल हैं। इनमें से एक मंत्री आशीष सूद पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं।
दिल्ली की कैबिनेट में सबसे अमीर मंत्री कौन है?
अगर आर्थिक स्थिति की बात करें तो कैबिनेट के दो मंत्री यानी 29 फीसदी अरबपति हैं। सबसे ज्यादा संपत्ति वाले मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा हैं। वे राजौरी गार्डन विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, उनकी घोषित संपत्ति 248.85 करोड़ रुपये है और सबसे कम घोषित कुल संपत्ति वाले मंत्री कपिल मिश्रा हैं, जो करावल नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, उनकी संपत्ति 1.06 करोड़ रुपये है।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली कैबिनेट के सातों मंत्रियों की औसत संपत्ति 56.03 करोड़ रुपये है। सभी सातों मंत्रियों ने अपनी देनदारियां भी घोषित की हैं, जिसमें नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के प्रवेश साहिब सिंह पर सबसे ज्यादा 74.36 करोड़ रुपये की देनदारी है।
मंत्रियों की योग्यता
छह मंत्रियों (86 प्रतिशत) ने स्नातक स्तर या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता घोषित की है, जबकि एक मंत्री ने केवल 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की है। आयु के संदर्भ में, पाँच मंत्री (71 प्रतिशत) 41 से 50 वर्ष के बीच हैं, जबकि शेष दो (29 प्रतिशत) 51 से 60 वर्ष के बीच हैं। मंत्रिमंडल में केवल एक महिला मंत्री शामिल हैं, जो मुख्यमंत्री हैं।
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