India News (इंडिया न्यूज),RSS Chief Mohan Bhagwat: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार (6 जून, 2025) को नागपुर में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोई भी विशेष संगठन अंग्रेजों से भारत की आजादी का श्रेय नहीं ले सकता, क्योंकि यह असंख्य व्यक्तियों और समूहों के काम का परिणाम है।
संघ प्रमुख ने जोर देकर कहा कि स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत 1857 के विद्रोह से हुई, जिसके बाद एक ऐसा संघर्ष शुरू हुआ, जिसके कारण भारत को आजादी मिली। उन्होंने कहा कि देश को आजादी कैसे मिली, इस पर चर्चा करते समय अक्सर एक महत्वपूर्ण सच्चाई को नजरअंदाज कर दिया जाता है कि यह किसी एक व्यक्ति के कारण नहीं मिली। 1857 के बाद पूरे देश में स्वतंत्रता संग्राम की ज्वाला भड़क उठी थी।
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बिना किसी का नाम लिए विपक्ष पर साधा निशाना
मोहन भागवत ने स्वतंत्रता संग्राम में अनगिनत व्यक्तियों और समूहों के योगदान का हवाला दिया और बिना किसी का नाम लिए इस धारणा को खारिज कर दिया कि कोई एक संस्था इस उपलब्धि का विशेष श्रेय ले सकती है।
मोहन भागवत ने बताया कि आरएसएस में सर्वोच्च पद किसके पास है?
इस दौरान उन्होंने आरएसएस की भूमिका और दर्शन पर भी विस्तार से बात की और कहा कि जो लोग इसके गुण-दोषों की बात करते हैं, वे शायद इससे परिचित न हों। जो लोग हमारे संगठन को समझने के लिए समय निकालते हैं, वे अक्सर कहते हैं कि वे इससे प्रभावित हैं और उन्होंने इससे बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने कहा कि आरएसएस को सामूहिक निर्णय लेने के लिए अपने समर्पित स्वयंसेवकों के बलिदान से ताकत मिलती है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह व्यक्तिगत प्रशंसा के बारे में नहीं है, बल्कि आरएसएस के सदस्यों की सामूहिक कार्रवाई महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आरएसएस में सर्वोच्च पद एक आम स्वयंसेवक का है।