India News (इंडिया न्यूज़), Rules of Blowing Conch: हिंदू धर्म में शंख को पवित्र वाद्ययंत्रों में से एक माना जाता है। धार्मिक और मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत शंख की ध्वनि से की जाती है। जिस प्रकार भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी प्रिय है, उसी प्रकार भगवान विष्णु को शंख भी काफी प्रिय है। शंख बजाने से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। लेकिन शंख बजाने के लिए कुछ नियम भी हैं जिनका हमें ध्यान रखना चाहिए। इन नियमों का पालन करके ही हम शंख की ध्वनि का आप लाभ उठा सकते हैं तो चलिए इसके बारें में विस्तार से जानते हैं कि आखिर क्या है इसे बजाने का नियम।
शंख से जुड़े नियमों का करें पालन-
- शंख बजाने से पहले उसे गंगा जल से शुद्ध जरुर कर लें।
- अगर आप अपने घर के पूजा स्थल पर शंख रखना चाहते हैं, तो हमेशा इसका प्रयोग पूजा के लिए ही करें। यानि आपको इस शंख से भगवान का अभिषेक करना चाहिए।
- इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि, पूजा घर में एक ही शंख होना चाहिए।
- फूंके हुए शंख को किसी अन्य शुद्ध स्थान पर रखें।
- भगवान शिव और सूर्य देव को शंख से जल न चढ़ाएं।
- आप शंख से भगवान विष्णु का जलाभिषेक कर सकते हैं।
- यदि आप शंख बजाते हैं तो उसे कभी किसी दूसरे को न दें।
- शंख बजाने का सबसे शुभ समय सुबह और सूर्यास्त से पहले का होता है।
- पूजा के शंख में हमेशा पानी भरकर रखना चाहिए।
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इस समय पर शंख बजाने से देवता होते हैं क्रोधित
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रात के समय शंख बजाने से मानसिक परेशानियां हो सकती हैं। इससे मन अस्थिर हो जाता है और व्यक्ति के मन में अज्ञात भय बना रहता है। शंख बजाने वाले व्यक्ति को भले ही इससे कोई खास फर्क न पड़े, लेकिन दूसरे लोग अचानक शंख की आवाज सुनकर डर सकते हैं। साथ ही रात के समय शंख बजाना स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा नहीं माना जाता है। इसके साथ ही मान्यताएं यह भी कहती हैं कि रात में शंख बजाने से देवताओं की नींद में खलल पड़ता है और देवी-देवता हमसे नाराज हो जाते हैं। शंख में कुछ ध्वनि तरंगें होती हैं जो भगवान तक पहुंचती हैं यानी हमें भगवान से जोड़ती हैं लेकिन रात के समय देवता सो जाते हैं इसलिए रात के समय शंख नहीं बजाना चाहिए। दिन के समय देवी-देवता जागृत अवस्था में होते हैं, इसलिए दिन के समय शंख बजाने से हम ईश्वर से जुड़ते हैं। इसलिए हमें दिन के समय ही शंख बजाना चाहिए।