India News (इंडिया न्यूज), Russia Offers Su-57E To India : ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इस टकराव में भारतीय सेना ने पाक सेना और आतंकियों को बुरी मार मारी है। लेकिन इसके बाद से भारतीय वायुसेना में पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स को शामिल करने की चर्चा तेज हो गई है।
बता दें कि इस वक्त भारत के पास पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स नहीं हैं। फ्रांस से आए राफेल 4.5 जनरेशन के फाइटर जेट्स हैं। वहीं हमारे दोनों पड़ोसियों की बात करें तो चीन के पास 5th जनरेशन के फाइटर जेट्स मौजूद हैं और आने वाले समय में वो पाकिस्तान को भी 5th जनरेशन के फाइटर जेट्स देने वाला है।
इसकी वजह से भारत की टेंशन बढ़ गई है। लेकिन इस बीच रूस ने भारत को एक बार फिर से पांचवीं पीढ़ी के Su-57E फाइट जेट का एक्सपोर्ट वेरियंट देने का ऑफर दिया है।
भारत को इस ऑफर से क्या फायदा मिलेगा?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, Su-57E की पेशकश सुपर-30 जेट के तकनीकी ढांचे पर आधारित है, जो भारतीय वायुसेना के Su-30MKI बेड़े का उन्नत संस्करण है। गैलियम नाइट्राइड (GaN) आधारित सक्रिय इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार और भारतीय मिशन कंप्यूटर को शामिल करने से न केवल Su-57E की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि सुपर-30 जेट के साथ समानता सुनिश्चित करके रखरखाव और परिचालन रसद को भी सुव्यवस्थित किया जा सकेगा।
रूस का कहना है कि अगर भारत चाहे तो वह अपनी जरूरत के हिसाब से Su-57E में बदलाव भी कर सकता है। सुखोई फाइटर जेट बनाने वाली कंपनियां भी इसे बना सकती हैं। रूस इसका सोर्स कोड और तकनीक भी देने को तैयार है।
राफेल से भी घातक फाइटर जेट Su-57E!
Su-57E की ताकत की बात करें तो इसमें वो सभी खूबियां मौजूद हैं जो 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट में होनी चाहिए। इसमें स्टील्थ डिजाइन है, जिसकी वजह से इसे आधुनिक रडार से डिटेक्ट करना मुश्किल है। इसकी वजह से ये दुश्मन की पकड़ से बच सकता है। इस फाइटर जेट में लगी R-37 M मिसाइलें 400 किलोमीटर तक निशाना साध सकती हैं। रूस का कहना है कि ये राफेल से भी ज्यादा घातक फाइटर जेट है।