India News (इंडिया न्यूज), Foreign minister S jaishankar in US: पिछले एक साल में कई बार अमेरिका ने भारत के लोकतंत्र और विपक्षी नेताओं पर कानून के शिकंजे को लेकर टिप्पणी की है। कई बार समझाने के बावजूद अमेरिकी सरकार ऐसा करने से बाज नहीं आ रही है। ऐसे में जब मंगलवार को वाशिंगटन डीसी में डॉ. एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की तो उन्होंने बड़ी ही विनम्रता से उनको फटकार लगाई। एक पत्रकार के सवाल के जवाब में उन्होंने ब्लिंकन की मौजूदगी में कहा कि अगर भारत अमेरिका के लोकतंत्र पर कोई टिप्पणी करता भी है तो उन्हें बुरा नहीं मानना ​​चाहिए। इस दौरान बगल में बैठे ब्लिंकन सिर्फ मुस्कुराते नजर आए।

‘विदेशी हस्तक्षेप विदेशी हस्तक्षेप है’

दरअसल हुआ ये कि एक पत्रकार ने भारतीय लोकतंत्र पर अमेरिका की टिप्पणी के बारे में सवाल पूछा। जिस पर डॉ. एस जयशंकर ने कहा, ‘विदेशी हस्तक्षेप विदेशी हस्तक्षेप है, चाहे कोई भी करे और कहीं भी हो। इसलिए, यह एक कठिन विषय है और मेरा विचार, जिसे मैंने कई लोगों के साथ भी साझा किया है, यह है कि आपको टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है, लेकिन मुझे आपकी टिप्पणी पर टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है। इसलिए जब मैं ऐसा करता हूं तो आपको बुरा नहीं लगना चाहिए।’

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‘जब हम टिप्पणी करते हैं तो यह विदेशी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए’

जयशंकर ने कहा कि दुनिया की वैश्विक प्रकृति ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय राजनीति के बीच की रेखा को धुंधला कर दिया है। उन्होंने इस बात पर काफी जोर दिया कि लोकतंत्र में वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है, लेकिन आपसी सम्मान बनाए रखा जाना चाहिए। जयशंकर ने जोर देकर कहा, “ऐसा नहीं हो सकता कि एक लोकतंत्र को दूसरे पर टिप्पणी करने का अधिकार हो और यह वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ावा देने का हिस्सा है, लेकिन जब दूसरे ऐसा करते हैं तो यह विदेशी हस्तक्षेप बन जाता है।”

राहुल गांधी-केजरीवाल पर की टिप्पणी

भारतीय विदेश मंत्री ने साफ किया कि विदेशी हस्तक्षेप अस्वीकार्य है, चाहे इसके पीछे कोई भी देश हो। उन्होंने माना कि अमेरिका ने अपनी विदेश नीति के जरिए लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय राजनीति को आकार दिया है। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के खाते सील किए जाने पर अमेरिका ने टिप्पणी की थी। इसी तर्ज पर अरविंद केजरीवाल को जेल में डाले जाने पर भी अमेरिका ने टिप्पणी की थी।

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