India News, (इंडिया न्यूज), S Jaishankar on Maldives Tension: भारत मालदीप विवाद के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि “राजनीति-राजनीति है, और इस बात की कोई गारंटी नहीं कि हर कई, हर दिन और हर एक देश भारत की बातों का सहयोग करें।”बता दें कि विदेश मंत्री का ये बायन उस वक्त सामने आया जब रविवार को मालदीव सरकार ने भारतीय सैनिकों की देश छोड़ने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया है।

वहीं सोमवार को जयशंकर महारष्ट्र के नागपुर शहर के टाउन हॉल में आयोजित मंथन कार्यक्रम में कही। उन्होंने आगे कहा- लेकिन, गंभीरता से, एक समाधान के रूप में, हम पिछले 10 वर्षों में बहुत सफलता के साथ जो करने की कोशिश कर रहे हैं, वह एक बहुत मजबूत संबंध बनाना है। भले ही राजनीति ऊपर और नीचे हो, लोग देश के, समाज के लोग आमतौर पर भारत के प्रति अच्छी भावना रखते हैं और भारत के साथ अच्छे संबंध रखने के महत्व को समझते हैं।”

साथ ही विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कहा- कभी-कभी चीजें अच्छे रास्ते में नहीं चलती, फिर आपकों कई चीजें सही करने के लिए लोगों के साथ तर्क निकालना पड़ता है।

छिड़ा नया विवाद

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्यदीप की यात्रा पर मालदीव के एक मंत्री के बयान के बाद इस विवाद में तेजी आई। हालांकि इस बयान के कुछ समय बाद ही राष्ट्रपति महोम्मद मोइज्जू ने तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया। मालदीव सरकार के इस बयान से खुद को अलग करने र पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणियों की निंदा करने के बावजूद नई दिल्ली और माले के बीच संबंधों में बदलाव आया।

मालदीव-भारत बैठक में हुई ये चर्चा

वहीं इस विवाद के बीच हाल की में चीन की यात्रा से वापिस आए राष्ट्रपति मोइज्जू ने रविवार को भारत सरकार से 15 मार्च 2024 तक सैना को वापिस बुलाने की बात कही है।  भारत की ओर से इस बैठक के दौरान पारस्परिक समाधान की बात कही गई है। जिसके तहत द्वीप राष्ट्र में भारतीय सैन्य प्लेटफार्मों के निरंतर संचालन शामिल रहा। विदेश मंत्रालय ने की तरह से जारी एक बयान में कहा, “दोनों पक्षों ने मालदीव के लोगों को मानवीय और मेडवैक सेवाएं प्रदान करने वाले भारतीय विमानन प्लेटफार्मों के निरंतर संचालन को सक्षम करने के लिए एक पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधान खोजने पर भी चर्चा की।”

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