India News (इंडिया न्यूज), Salman Rushdie: सलमान रुश्दी की विवादित किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ 36 साल बाद भारत में वापस आ गई है। राजीव गांधी सरकार ने इस किताब पर प्रतिबंध लगा दिया था। मुस्लिम संगठनों ने इस किताब पर आपत्ति जताई थी। इस किताब की कीमत 1,999 रुपये है। यह किताब दिल्ली-एनसीआर में बहरीसंस बुकसेलर्स स्टोर्स पर ही उपलब्ध है। दिल्ली हाईकोर्ट ने किताब के आयात पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई रोक दी थी। दरअसल सरकार वह अधिसूचना पेश नहीं कर पाई जिसके आधार पर प्रतिबंध लगाया गया था।
10 साल तक छिपकर रहे रुश्दी
इस किताब पर प्रतिबंध के बाद ईरानी नेता रूहोल्लाह खुमैनी ने रुश्दी को जान से मारने का फतवा जारी कर दिया था। रुश्दी को करीब 10 साल तक छिपकर रहना पड़ा था। 2022 में कट्टरपंथी हादी मातर ने रुश्दी पर हमला किया था। इस हमले में रुश्दी की एक आंख की रोशनी चली गई थी। बहरीसंस में किताब की बिक्री पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया रही है। कई लोगों को किताब की कीमत बहुत ज्यादा लग रही है।
मुस्लिम संगठनों ने किया विरोध
दुनिया भर के मुस्लिम संगठनों ने इस किताब को ईशनिंदा मानते हुए इसका विरोध किया था। दिल्ली में बहरिसंस बुकसेलर्स की मालिक रजनी मल्होत्रा ने कहा कि किताब की अच्छी बिक्री हो रही है। 1,999 रुपये की यह किताब दिल्ली-एनसीआर में बहरिसंस स्टोर्स पर ही उपलब्ध है। बहरिसंस बुकसेलर्स ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘सलमान रुश्दी की ‘द सैटेनिक वर्सेज’ अब बहरिसंस बुकसेलर्स पर उपलब्ध है!
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अपनी कल्पनाशील कहानी और बोल्ड थीम के साथ, इस अभूतपूर्व और उत्तेजक उपन्यास ने दशकों से पाठकों को आकर्षित किया है। यह अपने प्रकाशन के बाद से ही गहन वैश्विक विवाद का केंद्र रहा है, जिसने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, आस्था और कला पर बहस छेड़ दी है।’