India News(इंडिया न्यूज),Sam Pitroda: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के विरासत कर कानून को लेकर दिए गए बयान के बाद देश में पक्ष और विपक्ष की आपस में भीड़ रहे है। जहां बुधवार को सैम पित्रोदा ने विरासत कर पर अपने बयान पर स्पष्टीकरण जारी किया और दावा किया कि मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए उनकी टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। इसके साथ ही पित्रोदा ने अपने बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए एक्स पर पोस्ट कर बताया कि,“यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका में विरासत कर पर एक व्यक्ति के रूप में मैंने जो कहा, उसे गोदी मीडिया ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया है ताकि प्रधानमंत्री कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में जो झूठ फैला रहे हैं, उससे ध्यान भटका सके। इसके साथ ही पित्रोदा ने कहा कि, पीएम की मंगल सूत्र और सोना छीनने की टिप्पणी बिल्कुल अवास्तविक है।

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जानें क्या है विरासत कर?

वहीं बात अगर विरासत कानून की करें तो, अमेरिका में, एक विरासत कर है। यदि किसी के पास 100 मिलियन अमरीकी डालर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 प्रतिशत अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है, 55 प्रतिशत सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है। यह एक दिलचस्प कानून है। जिसको लेकर सैम पित्रोदा के हवाले से कहा, ”आप कहते हैं कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है।”

बीजेपी ने किया पलटवार

मिली जानकारी के अनुसार, सैम पित्रोदा का स्पष्टीकरण तब आया है जब भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने धन के पुनर्वितरण पर उनकी टिप्पणी पर उनकी आलोचना की, जहां उन्होंने कथित तौर पर देश में विरासत कर कानून की वकालत की थी, यहां तक ​​कि कांग्रेस ने खुद को टिप्पणियों से दूर रखने की कोशिश करते हुए कहा कि उनके विचार हमेशा प्रतिबिंबित नहीं होते हैं पार्टी की स्थिति। जहां सैम पित्रोदा ने कथित तौर पर धन पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर दिया और अमेरिका में प्रचलित विरासत कर की अवधारणा पर विस्तार से प्रकाश डाला। सैम पित्रोदा ने यह भी कहा कि धन वितरण का विषय पूरी तरह से एक “नीतिगत मुद्दा” है और कांग्रेस के घोषणापत्र पर उनकी टिप्पणी के बाद वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में चिंतित महसूस करते हैं।

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पित्रोदा का बयान

इसके साथ ही पित्रोदा ने इस मामले में बयान देते हुए कहा कि, “यह एक नीतिगत मुद्दा है। कांग्रेस पार्टी एक नीति बनाएगी जिसके माध्यम से धन वितरण बेहतर होगा। हमारे पास (भारत में) न्यूनतम वेतन नहीं है। अगर हम देश में न्यूनतम वेतन के साथ आते हैं तो आपको यह कहना होगा गरीबों को इतना पैसा दें, यह धन का वितरण है। आज, अमीर लोग अपने चपरासियों, नौकरों और घरेलू नौकरों को पर्याप्त भुगतान नहीं करते हैं, लेकिन वे उस पैसे को दुबई और लंदन में छुट्टियों पर खर्च करते हैं… जब आप इसके बारे में बात करते हैं। धन का वितरण, ऐसा नहीं है कि आप कुर्सी पर बैठें और कहें कि मेरे पास इतना पैसा है और मैं इसे हर किसी को बांटूंगा।

हिमंत बिस्वा सरमा ने साधा निशाना

वहीं इस मामले में सैम पित्रोदा के इंटरव्यू के बाद बीजेपी के कई नेताओं ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। एक्स पर एक पोस्ट में, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “परिवार सलाहकार राज़ खोल रहे हैं – उनका इरादा आपकी मेहनत की कमाई की ‘संगठित लूट और वैध लूट’ है। इसके साथ ही बीजेपी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने भी सैम पित्रोदा की आलोचना करते हुए कहा कि मतदाताओं को संपत्ति छीनने वालों से सचेत रहने की जरूरत है।