India News (इंडिया न्यूज), Viral News: उसकी पहली मंजिल एक मुस्लिम देश थी, जहां उसे पूरी योजना समझाई जानी थी। इसके बाद उसे अवैध तरीके से उसके अगले गंतव्य पर भेजा जाना था। अपने नापाक इरादों से इस मंजिल तक पहुंचने के लिए इस शख्स ने लाखों रुपए खर्च किए थे। पंजाब में बैठे कुछ लोगों की मदद से अपनी यात्रा के लिए जरूरी दस्तावेजों का भी इंतजाम कर लिया था। लेकिन सही समय पर इंटेलिजेंस ब्यूरो के अंतर्गत आने वाले ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन को इस शख्स के इरादों के बारे में पता चल गया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह पूरी कहानी एक ऐसे शख्स से जुड़ी है, जिसके दिल में हमेशा कुछ बड़ा करने का सपना रहता था। उसके अंदर एक आग थी, जो कभी बुझती नहीं थी। अपने छोटे से गांव में उसने अपनी आंखों के सामने अपने रिश्तेदारों को देखा था, जो नीदरलैंड में खुशहाल जिंदगी जी रहे थे। बड़े शहरों में रिटायरमेंट के बाद उनके पास जो शानो-शौकत थी, उसने संदीप को काफी आकर्षित किया। पैसे की दौलत, अच्छी जिंदगी और एक नई दुनिया का सपना- यही उसका लक्ष्य था।
इस चाहत में जाना चाहता था बाहर
हर रोज अपने खेतों में काम करते हुए वह आसमान में उड़ते हवाई जहाजों को देखता। उसे हमेशा लगता था कि अगर वह भी विदेश चला जाए, तो उसकी जिंदगी बदल जाएगी। और फिर वो दिन आ गया, जब इस व्यक्ति ने तय कर लिया कि उसे किसी भी कीमत पर विदेश जाना है। एक दिन इस व्यक्ति के एक पुराने दोस्त ने उससे कहा, ‘अगर तुम चाहो तो नीदरलैंड जा सकते हो। वहां एक एजेंट है, कुलदीप शर्मा, वो तुम्हें भेज देगा।’ कुलदीप शर्मा, जिसे संदीप ने पहले कभी देखा या सुना नहीं था, अब उसकी आखिरी उम्मीद बन गया था। कुलदीप से मिलने के बाद इस व्यक्ति ने अपनी सारी चिंताएं और शंकाएं छोड़ दीं।
कुलदीप ने किया ये वादा
कुलदीप ने उससे वादा किया कि वो उसे इस्तांबुल के रास्ते नीदरलैंड भेज देगा और बदले में उसे सिर्फ़ 11 लाख रुपए चाहिए होंगे। बिना किसी हिचकिचाहट के इस व्यक्ति ने अपनी सारी जमा-पूंजी इकट्ठी की। उसने गांव में अपने रिश्तेदारों से कर्ज लिया, अपनी सारी जमा-पूंजी लगाई और पैसे कुलदीप को दे दिए। उसके बाद कुलदीप ने संदीप का पासपोर्ट और दूसरे दस्तावेज लिए और उसे भरोसा दिलाया कि उसकी यात्रा की व्यवस्था हो गई है। एक दिन कुलदीप ने इस व्यक्ति से कहा कि तुम्हारी टिकट और वीजा की प्रक्रिया पूरी हो गई है और तुम्हें बस एयरपोर्ट पहुंचना है।
इमिग्रेशन काउंटर पर क्या हुआ?
इस व्यक्ति ने इन सबको एक सुनहरा मौका माना। वो अपने सपनों को लेकर दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा, जहां उसका दिल खुशी से धड़क रहा था। हाथ में टिकट और वीजा उसे एक नई जिंदगी की ओर ले जा रहे थे। वह कतार में खड़ा था और उसकी आंखों में नीदरलैंड की एक नई दुनिया की तस्वीर थी। इमिग्रेशन काउंटर पर खड़े होकर उसने अपनी आंखों में चमक देखी, मानो वह किसी नई दुनिया में कदम रखने वाला हो। लेकिन फिर जैसे ही उसने अपने दस्तावेज इमिग्रेशन अधिकारी को सौंपे, सब कुछ बदल गया। अधिकारी ने दस्तावेजों को ध्यान से देखा, फिर उसकी आंखें चौड़ी हो गईं और माथा सिकुड़ने लगा।
अधिकारी ने क्या कहा?
अधिकारी ने सख्त आवाज में कहा – यह वीजा फर्जी है! संदीप का दिल तेजी से धड़कने लगा। उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसके साथ कैसे धोखा हुआ। उसने जो रास्ता चुना था, वही अब उसकी मुसीबत बन गया था। संदीप को तुरंत हिरासत में ले लिया गया। उसकी उम्मीदें अब टूट चुकी थीं। उसे एहसास हुआ कि वह जिस रास्ते के बारे में सोच रहा था, वह एक खतरनाक धोखाधड़ी का हिस्सा था। कुलदीप ने उसकी आंखों में जो सपने बोए थे, वे अब उसके लिए सिर्फ एक बुरी याद बनकर रह गए थे। इमिग्रेशन ब्यूरो ने तुरंत इस व्यक्ति को दिल्ली एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया।
दर्ज किया गया एफआईआर
इमिग्रेशन की शिकायत पर इस शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया। पूछताछ में इस शख्स की पहचान 40 साल के संदीप कुमार के तौर पर हुई जो हरियाणा के फतेहाबाद इलाके का रहने वाला है। संदीप के कबूलनामे के बाद कुलदीप के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया। आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के मुताबिक कुलदीप को भी पंजाब के भटिंडा से गिरफ्तार किया गया है। इन दो गिरफ्तारियों के बाद इस मामले की जांच अभी रुकी नहीं है। उन लोगों की तलाश की जा रही है जो इस साजिश में शामिल थे।