Sanjay Bandi Arrest: तेलंगाना भाजपा के प्रमुख और सांसद बंदी संजय को आज पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया, उन्हें तीन अन्य आरोपियों के साथ 19 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बंदी के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए जांच अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग को हम कल हाईकोर्ट में आदेश को चुनौती देने की योजना बना रहे हैं।
- बंदी करीमनगर से सांसद
- बीजेपी ने गिरफ्तारी का विरोध किया
- बंदी पर कई आरोप
एक इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप के समूहों पर मानक 10 (एसएससी) बोर्ड परीक्षा का प्रश्न पत्र सामने आने के बाद कदाचार के एक मामले में शहर की पुलिस द्वारा मुख्य आरोपी बनाए जाने के बाद बंदी को बुधवार की सुबह पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
करीमनगर से गिरफ्तार किया
करीमनगर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद संजय कुमार को पुलिस की एक टीम ने करीमनगर शहर में उनके आवास से गिरफ्तार किया और शुरू में उन्हें एहतियातन गिरफ़्तार किया गया, जिसके बाद उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और फिर शाम को वारंगल की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें तीन अन्य लोगों के साथ 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
उकसाने का आरोप
दर्ज एफआईआर के मुताबिक, संजय कुमार पर आरोप है कि एसएससी (10वीं) पेपर लीक की घटनाएं सामने आने के बाद उन्होंने भोले-भाले छात्रों को राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए उकसाया। इसके साथ ही उनपर ये भी आरोप है कि उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी प्रदर्शन करने के लिए भड़काया। इससे सार्वजनिक शांति बिगड़ने की आशंका है, जिससे कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है।
भविष्य पर गंभीर असर
एफआईआर दर्ज कराने वाले का कहना है कि संजय कुमार ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को एग्जाम सेंटर के बाहर धरना देने के लिए भड़काया, ताकि आगे की परीक्षाएं होने में बाधा हो। इससे एसएससी का एग्जाम देने वाले छात्रों का मनोबल गिर सकता है। शिकायत में ये भी कहा गया है कि संजय कुमार के बर्ताव से राज्यभर में होने वाली परीक्षा प्रक्रिया प्रभावित होगी, जिससे छात्रों के भविष्य पर गंभीर असर पड़ेगा।
क्या है मामला?
राज्य के विकराबाद और कमलापुर में 10वीं कक्षा के पेपर लीक का मामला सामने आया था। एफआईआर के मुताबिक, कमलापुर में कुछ अज्ञात लोगों ने एग्जाम सेंटर के बाहर अज्ञात छात्रों से पेपर लिया, उसकी फोटो ली और उसे वॉट्सऐप ग्रुप पर शेयर कर दिया था।
जबकि, विकराबाद में एक निरीक्षक ने एग्जाम शुरू होने के तुरंत बाद 10वीं क्लास के तेलुगू भाषा के पेपर की फोटो ली और उसे दूसरे निरीक्षक को भेज दिया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सरकारी स्कूल में स्टैंडबाय निरीक्षक ने तेलुगु का पेपर शुरू होने के तुरंत बाद उसकी फोटो ली और उसे दूसरी सरकारी स्कूल के एक टीचर को भेज दिया। ऐसा इसलिए ताकि वो चीटिंग के लिए इसके जवाब तैयार कर सके।
यह भी आरोप-
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