India News (इंडिया न्यूज), Uddhav Thackeray and Raj Thackeray : चचेरे भाई राज और उद्धव ठाकरे के बीच संभावित सुलह की अटकलों के बीच, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने रविवार को स्पष्ट किया कि अभी तक कोई आधिकारिक गठबंधन नहीं हुआ है, केवल भावनात्मक बातचीत चल रही है। मीडिया से बात करते हुए, राज्यसभा सांसद ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने राज ठाकरे के साथ मेल-मिलाप के लिए कोई पूर्व शर्त नहीं रखी है। उन्होंने केवल हितों को प्राथमिकता देने और महाराष्ट्र के दुश्मनों के साथ रोटी नहीं मिलाने को कहा है।

उन्होंने आगे कहा कि, “राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे भाई हैं। हम सालों से साथ हैं। हमारा रिश्ता नहीं टूटा है… (गठबंधन के बारे में) दोनों भाई फैसला करेंगे।” राउत ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए भगवा खेमे को “महाराष्ट्र का दुश्मन” करार दिया और दावा किया कि इसने बाल ठाकरे की शिवसेना को विभाजित कर दिया, जिसने महाराष्ट्र के गौरव की रक्षा के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि ऐसी पार्टियों के साथ कोई संबंध नहीं रखना चाहिए।

कुछ पार्टियां महाराष्ट्र के शुभचिंतक होने का दावा करती हैं,लेकिन हैं दुश्मन

शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने कहा, “उद्धव जी ने कहा कि कुछ पार्टियां हैं जो महाराष्ट्र के शुभचिंतक होने का दावा करती हैं, लेकिन वे महाराष्ट्र की दुश्मन हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के गौरव पर हमला करने के लिए बालासाहेब की शिवसेना को तोड़ दिया और ऐसी पार्टियों के साथ हमें कोई संबंध नहीं रखना चाहिए, तभी हम सच्चे महाराष्ट्रियन हो सकते हैं और यह कोई शर्त नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र के लोगों की भावनाएं हैं और यही उद्धव जी ने कहा है”

वहीं महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दोनों चचेरे भाइयों के बीच फिर से मिलने की संभावना का स्वागत किया और इसे एक ‘अच्छा’ कदम बताया। पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा, “अगर दोनों साथ आते हैं, तो हमें इस पर खुशी होगी। अगर लोग अपने मतभेद सुलझा लेते हैं, तो यह अच्छी बात है। मैं इसके बारे में और क्या कह सकता हूं?”

दोनों भाइयों ने साथ आने पर क्या कहा?

राज ठाकरे ने फिल्म निर्माता महेश मांजरेकर के साथ पॉडकास्ट में कहा कि वह महाराष्ट्र के व्यापक हित के लिए छोटे-मोटे विवादों को अलग रख सकते हैं। राज ने कहा कि वह अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के साथ काम कर सकते हैं, बशर्ते वह इसके लिए तैयार हों।

वहीं भारतीय कामगार सेना की 57वीं वार्षिक आम बैठक में अपने संबोधन के दौरान उद्धव ने कहा कि, मैं साथ आने (राज ठाकरे के साथ) को तैयार हूं। मैं छोटी-मोटी घटनाओं को अलग रखकर महाराष्ट्र के हित में आगे आने को तैयार हूं। मैंने सारे झगड़े खत्म कर दिए हैं। महाराष्ट्र का हित मेरी प्राथमिकता है। बता दें कि 2005 में राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़ दी थी, जब उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और 9 मार्च 2006 को मुंबई में मनसे की घोषणा की। तब से, उनके राजनीतिक रास्ते अलग-अलग हो गए हैं।

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