India News (इंडिया न्यूज), Sankashti Chaturthi 2023: साल में 12 संकष्टी चतुर्थी होती है। वहीं की बात करें तो अभी मार्गशीर्ष का महीना चल रहा है यानी इसे अगहन मास भी कहा जाता है। मार्गशीर्ष महीने में गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत रखने का विधान होता है। स्कंद पुराण के अनुसार, इस तिथि पर गणेश की विशेष पूजा के साथ ही व्रत रखने से परेशानियां दूर होती हैं, छात्रों को करियर में विशेष लाभ होता है। बता दें कि, संकष्टी चतुर्थी अपने नाम स्वरूप साधक के समस्त संकटों का नाश करने वाली मानी जाती हैं। तो चलिए जानते हैं इस साल होने वाले गणाधिप संकष्टी चतुर्थी की डेट और भी सब कुछ।

मार्गशीर्ष गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का डेट

मार्गशीर्ष की माह में आने वाली गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 30 नवंबर 2023, गुरुवार के दिन है। इस दिन सूर्योदय से व्रत की शुरुआत होती है, वहीं, शाम को गणपति की पूजा और रात के समय चंद्र देव की पूजा करते हैं इसके साथ और उनको अर्घ्य अर्पित करके व्रत का पारण करते हैं।

हिन्दी पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पूजा की तिथि 30 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और 1 दिसंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 31 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा।

  • गणपति पूजा मुहूर्त – सुबह 06.55 – सुबह 08.13,
  • शाम का मुहूर्त – शाम 04.05 – रात 07.05 ।

चंद्रोदय समय

बता दें कि, संकष्टी चतुर्थी का व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही सफल होता है। मार्गशीर्ष की गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन रात 07.54 मिनट पर चंद्रोदय होगा। चंद्रमा की पूजा से मानिसक शांति मिलती है। चंद्र दोष दूर होता है।

गणपति पूजा का लाभ

संकष्टी चतुर्थी व्रत शादीशुदा महिलाएं पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की कामना से करती हैं। वहीं, इस व्रत के प्रताप से आर्थिक संकट दूर होता है इसके साथ ही संतान प्राप्ति के लिए भी इस व्रत का बड़ा महत्व है। कुंवारी कन्याएं भी अच्छा पति पाने के लिए दिन भर व्रत को रखकर शाम को भगवान गणेश की पूजा करती हैं। ये व्रत सभी कष्टों का हरण करने वाला माना जाता है।

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