इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Sanyukt Kisan Morcha किसान नेताओं ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले का हम स्वागत करते हैं, लेकिन अभी किसानों की कई मांगें पेंडिंग हैं। रविवार को सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की बैठक हुई जिसमें एमएसपी समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई।
किसान नेता Balbir Rajewal ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि किसान संगठनों के पूर्व निर्धारित सभी कार्यक्रम तय समय पर होंगे और इनमें कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने बताया कि एसकेएम की अगली बैठक 27 नवंबर को होगी।
Sanyukt Kisan Morcha संसद में कानून रद होने तक जारी रहेगा आंदोलन, पीएम मोदी को लिखेंगे पत्र : Rajewal
Balbir Rajewal ने बताया कि संसद में कानून रद होने तक आंदोलन जारी रहेगा और मोर्चा किसानों की लंबित मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लेटर लिखेगा। पत्र में एमएसपी समिति, विद्युत विधेयक 2020, किसानों पर दर्ज मामलों की वापसी और लखमीपुर खीरी को लेकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने जैसी प्रमुख मांगें शामिल होगी।
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत सभी जत्थेबंदियों के नेता शामिल हुए। कुल 42 किसान संगठनों ने इसमें हिस्सा लिया। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने पिछले सप्ताह गुरु नानक देवी जी की जयंती पर तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा।
Sanyukt Kisan Morcha आज लखनऊ में महापंचायत, 29 को संसद का कूच
किसानों के पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार 22 नवंबर को लखनऊ में महापंचायत है। इसके बाद 26 नवंबर को आंदोलन के एक साल पूरे होने पर सभी मोर्चों पर भीड़ बढ़ाने का किसान संगठनों का कार्यक्रम है। 29 नवंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होगा और उस दिन किसानों ने संसद कूच करने का ऐलान किया है। टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से किसान संसद का कूचस् करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की नौ सदस्यीय समन्वय समिति ने शनिवार को भी बैठक की थी और इसमें भी निर्णय लिया था कि आंदोलन के लिए पूर्व में जो कार्यक्रम निर्धारित किए गए थे, वे जारी रहेंगे।
Sanyukt Kisan Morcha जानिए क्या हैं किसान संगठनों की बाकी मांगें
किसानों संगठनों की मुख्य मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए वैधानिक गारंटी की मांग भी शामिल हैं। इसके अलावा उनकी मांग है कि सरकार विद्युत संशोधन विधेयक को पूरी तरह वापस ले। दिल्ली में वायु गुणवत्ता विनियमन पर कानून से संबंधित दंडात्मक धाराओं से किसानों को सरकार बाहर रखें। किसानों ने यह भी मांग की है कि आंदोलन में जान गंवाने वालों के परिवारों को मुआवजा और रोजगार के अवसर मिलें। इसके अलावा आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे बिना शर्त वापस लिए जाएं।
Sanyukt Kisan Morcha बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक
केंद्रीय कैबिनेट की इस सप्ताह बुधवार को बैठक होगी और इस दौरान तीनों कृषि कानूनों की वापसी को मंंत्रिमंडल की मंजूरी दी जा सकती है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है।
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