India News (इंडिया न्यूज),UP Assembly Speaker Satish Mahana:यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना अपने मिलनसार स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। ऐसा कम ही होता है कि सदन की कार्यवाही के दौरान वह नाराज हो जाएं, लेकिन बुधवार को सदन में उनका उग्र रूप देखने को मिला। दरअसल, विपक्षी विधायकों ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सवाल पूछा था। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि सपा के लोग सवालों को देखे बिना ही हस्ताक्षर कर देते हैं। उनके इस बयान पर विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इतना ही नहीं पाठक के खिलाफ आपत्तिजनक नारे भी लगाए गए। इस पर सतीश महाना नाराज हो गए।
अतुल प्रधान को उठाकर बाहर फेंक दीजिए-महाना
स्पीकर सतीश महाना ने सबसे पहले विपक्षी विधायकों को असंसदीय नारेबाजी करने पर रोका। इस दौरान स्पीकर ने सपा विधायक अतुल प्रधान से कहा कि सबसे ज्यादा माहौल आप खराब कर रहे हैं। तब स्पीकर ने मार्शल को आदेश दिया कि सपा विधायक अतुल प्रधान को बाहर भेजा जाए। इसके बाद अतुल प्रधान और महाना के बीच कहासुनी हो गई। इस पर महाना ने कहा कि आप क्या बात कर रहे हैं। मैं विशेषाधिकार के तहत आपकी सदस्यता समाप्त करवा दूंगा। आप बाहर जाइए। तब महाना ने मार्शल से कहा कि अतुल प्रधान को उठाकर बाहर फेंक दीजिए। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष को पुलिस ने हिरासत में लिया
दूसरी ओर, शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य विधानसभा का घेराव करने के लिए किए गए प्रदर्शन के दौरान यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय, अविनाश पांडे और पार्टी के अन्य नेताओं को हिरासत में लिया गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन स्थल तक पहुंचने से रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए गए थे।
लाके में निषेधाज्ञा लागू
अधिकारियों ने बताया कि इलाके में निषेधाज्ञा लागू है। विधानसभा सत्र चल रहा है। विधानसभा की ओर जाने वाली सड़कों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। मॉल एवेन्यू इलाके में कांग्रेस कार्यालय के बाहर पुलिस तैनात है। वहीं, अजय राय, अविनाश पांडे और अन्य नेताओं ने पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। लेकिन पुलिस ने उन्हें बाहर नहीं जाने दिया।
योगी सरकार को सत्ता से बेदखल कर देंगे-राय
हिरासत में लिए जाने के बाद राय ने कहा, 2027 में हम योगी सरकार को सत्ता से बेदखल कर देंगे। अविनाश पांडे ने कहा कि किसान, बेरोजगारी, महंगाई और कानून व्यवस्था से जुड़े मुद्दों की अनदेखी की जा रही है। भाजपा अपनी विफलता से ध्यान हटाने के लिए लोगों को धर्म और जाति के आधार पर बांटना चाहती है।