India News (इंडिया न्यूज), farmers Protest : किसान एक बार फिर से राजधानी दिल्ली में कूच करने की तैयारी में है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने छह दिसंबर (शुक्रवार) को पंजाब से दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। इसको देखते हुए पटियाला-अंबाला सीमा पर स्थित शंभू बॉर्डर पर किसान जमा होने लगे हैं। किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए हरियाणा सरकार ने भी तैयारी कर ली है। अंबाला में शंभू और जींद में खनौरी बार्डर पर सख्ती बढ़ाते हुए हरियाणा ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है। सीमा पर ट्रकों में भरकर लोहे के बैरिकेड, सीमेंट के बैरिकेड लगाए जा रहे। इधर दिल्ली पुलिस ने भी हरियाणा से सटे टीकरी बार्डर को सील करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा जींद के दाता सिंहवाला बार्डर, सिरसा के डबवाली, कुरुक्षेत्र में पिहोवा के साथ लगते ट्यूकर बार्डर पर सतर्कता बढ़ा दी गई है।

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खुफिया एजेंसियों ने किया आगाह

बता दें कि खुफिया एजेंसियों ने किसान आंदोलन को लेकर प्रतिकूल रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि किसानों को पैदल मार्च की अनुमति दी गई तो वे रास्ते में उग्र हो सकते हैं। हरियाणा में रोकने पर जगह-जगह पक्का धरना भी लगा सकते हैं जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। अगर उनके पैदल मार्च में हरियाणा के किसान भी शामिल हो गए तो स्थिति और बिगड़ जाएगी। वहीं हरियाणा की गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने किसान नेताओं से सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के समक्ष अपनी बात रखने का आह्वान किया है। कमेटी की रिपोर्ट पर ही आगे नीति बनेगी।

इससे पहले के किसान आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर रखी है। शंभू बार्डर पर धारा 163 (पहले धारा 144) के नोटिस चिपका दिए हैं। धारा 163 लगे होने की वजह से पांच या इससे अधिक लोगों के इकट्ठे होने पर रोक रहेगी। पुलिस ने शंभू बार्डर से करीब 500 मीटर की दूरी पर फिर से पक्की बैरिकेडिंग शुरू कर दी है।

पानीपत में पीएम मोदी का कार्यक्रम

नौ दिसंबर को पीएम मोदी पानीपत में कार्यक्रम है, जिसको लेकर हरियाणा सरकार अलर्ट मोड पर है। सीएम नायब सिंह सैनी खुद पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। पंजाब की ओर से आने वाले वाहनों की सघन जांच हो रही है। ट्रैक्टर का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। पीएम मोदी इस कार्यक्रम में बीमा सखी योजना का शुभारंभ करेंगे।

किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान बातचीत के लिए तैयार हैं, चाहे चिट्ठी केंद्र सरकार से आए या फिर पंजाब-हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय से। पंधेर ने कहा कि शंभू में गुरुवार को आंदोलन के 297 दिन हो गए।

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